वित्त वर्ष 2025 की अप्रैल-जून के दौरान हुए कारोबार में इसकी पिछली तिमाही की तुलना में ज्यादातर बैंकों के जमा में वृद्धि, उनके द्वारा दिए गए कर्ज में वृद्धि की तुलना में सुस्त रही है। बैंकों के चालू और बचत खाते (कासा) में जमा पर भी दबाव लगातार बना हुआ है।
निजी क्षेत्र के बैंकों, येस बैंक, आरबीएल बैंक और बंधन बैंक की जमा में वृद्धि क्रमशः 0.50 प्रतिशत, 2 प्रतिशत और 1.50 प्रतिशत संकुचित हुई है। येस बैंक और बंधन बैंक द्वारा दिया गया कर्ज क्रमशः 0.90 प्रतिशत और 0.70 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि आरबीएल बैंक ने 3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) और बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) द्वारा दिया गया ऋण क्रमशः 5 प्रतिशत और 2.65 प्रतिशत बढ़ा है। वहीं, बीओएम का जमा 1.22 प्रतिशत कम हुआ है, जबकि पीएनबी का 2.80 प्रतिशत बढ़ा है।
बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा दिए गए कर्ज में, जमा की तुलना में तेज वृद्धि हुई है। तिमाही आधार पर बीओबी का लोन बुक 1.73 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि जमा में 1.59 प्रतिशत वृद्धि हई है।
वहीं दूसरी तरफ, निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक द्वारा दिए गए कर्ज में जून 2024 में समाप्त तिमाही के दौरान 0.80 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि जमा में वृद्धि मार्च में समाप्त तिमाही की तुलना में स्थिर रही है।
इंडसइंड बैंक के कर्ज में 1 प्रतिशत सुधार हुआ है, जबकि जमा में 4 प्रतिशत वृद्धि हुई है। सरकारी बैंक यूको बैंक का जमा 5.20 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि दिए गए ऋण में 1.90 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
एचडीएफसी बैंक का कासा अनुपात वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में घटकर 36.29 प्रतिशत रह गया है, जो वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में 38.18 प्रतिशत था। इंडसइंड बैंक का कासा अनुपात वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में गिरकर 36.70 प्रतिशत रह गया है, जो वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में 37.90 प्रतिशत था।