भारतीय रिजर्व बैंक की उदारीकृत धनप्रेषण योजना (एलआरएस) के तहत वित्त वर्ष 2024-25 में अप्रैल से जनवरी के दौरान भेजा गया धन पिछले साल से कम रहा है। एलआरएस के तहत भेजा गया धन सालाना आधार पर 8.21 प्रतिशत घटकर 27.02 अरब डॉलर रह गया, जो एक साल पहले 29.43 अरब डॉलर था।
सबसे ज्यादा धन अंतरराष्ट्रीय यात्रा क्षेत्र में खर्च हुआ। वित्त वर्ष 2025 में अप्रैल-फरवरी के दौरान इस क्षेत्र पर खर्च करीब 1 प्रतिशत घटकर 15.84 अरब डॉलर रह गया, जो पिछले साल क समान अवधि में 16 अरब डॉलर था। नजदीकी संबंधियों के खर्च के लिए भेजा गया धन करीब 22 प्रतिशत गिरकर 330.05 करोड़ डॉलर रह गया। वहीं विदेश में शिक्षा पर होने वाला खर्च 16 प्रतिशत गिरकर 275.89 करोड़ डॉलर रह गया है।
विदेश में अचल संपत्ति खरीदने पर खर्च 28.32 प्रतिशत बढ़कर 27.77 करोड़ डॉलर हो गया है। एचडीएफसी बैंक में प्रधान अर्थशास्त्री साक्षी गुप्ता ने कहा कि इसमें कमी की मुख्य वजह यात्रा पर होने वाले खर्च में आई कमी है। यह मौसमी पैटर्न हो सकता है।