रेटिंग एजेंसियों का कहना है कि भारतीय कंपनियों का ऋण प्रोफाइल मजबूत होता दिख रहा है, क्योंकि कोविड-19 की दूसरी लहर के बावजूद रेटिंग अपग्रेड की रफ्तार वित्त वर्ष 2022 की पहली छमाही में डाउनग्रेड की तुलना में आगे है।
लगभग सभी क्षेत्रों में रेटिंग अपग्रेड दर्ज किया गया था और ऋण गुणवत्ता से संबंधित परिदृश्य भी सकारात्मक था, जिससे तेज होती आर्थिक गतिविधि के साथ और ज्यादा सुधार की संभावना का संकेत दिख रहा है। हालांकि रेटिंग एजेंसियों ने चेताया है कि कई क्षेत्रों में मौजूदा व्यावसायिक बुनियादी मापकों द्वारा अल्पावधि में कोविड-पूर्व स्तरों को पार किए जाने की संभावना नहीं दिख रही है।
क्रिसिल रेटिंग्स ने अपना क्रेडिट अनुपात (अपग्रेड-डाउनग्रेड का) वित्त वर्ष 2022 की पहली छमाही में बढ़ाया है और यह 488 अपग्रेड और 165 डाउनग्रेड का है। 2.96 गुना के साथ, यह क्रेडिट अनुपात में लगातार दूसरी वृद्घि थी। इसे वित्त वर्ष 2021 की पहली छमाही में 0.54 गुना से बढ़ाकर वित्त वर्ष 2021 की दूसरी छमाही में 1.33 गुना किया गया था।
रेटिंग एजेंसी इक्रा ने 303 कंपनियों की रेटिंग को अपग्रेड किया और सिर्फ वित्त वर्ष 2022 की पहली छमाही में सिर्फ 163 डाउनग्रेड रेटिंग दीं। यह पूर्व के (वित्त वर्ष 2021 में 483 और वित्त वर्ष 2020 में 584) डाउनग्रेड के मुकाबले बड़ा सुधार था।
उसने कहा है, ‘हमें बीते समय में आर्थिक अनिश्चितता का सामना करना पड़ा है और व्यवसाय तथा कंपनियों के वित्तीय जोखिम प्रोफाइल पर बड़ा दबाव देखा गया है।’ इंडिया रेटिंग्स ने 150 अपग्रेड जारी किए जबकि डाउनग्रेड की संख्या सिर्फ 49 थी। यह पिछले दो वर्षों में दर्ज रुझान के मुकाबले काफी हद तक विपरीत स्थिति थी, जब डाउनग्रेड की संख्या अपग्रेड से ज्यादा थी। कॉरपोरेट डाउनग्रेड-अपग्रेड अनुपात (डी-यू अनुपात) वित्त वर्ष 2022 की पहली छमाही में 0.3 के निचले स्तर पर था, जो वित्त वर्ष 2021 की पहली छमाही में 2.1 और वित्त वर्ष 2021 में 1.4 था।
इंडिया रेटिंग्स की सहायक निदेशक सुपर्णा बनर्जी ने कहा, ‘असमान क्षेत्रवार सुधार की आशंका काफी हद तक समाप्त हुई है। सकारात्मक रेटिंग घटनाक्रम लगभग सभी क्षेत्रों में दर्ज किए गए हैं जिससे व्यापक आर्थिक सुधार का संकेत मिल रहा है। इससे विपरीत, पिछले साल के सकारात्मक रेटिंग बदलाव कुछ ही खास क्षेत्रों तक सीमित थे।’
अपग्रेड के बड़े अंतर को स्पष्ट करते हुए क्रिसिल रेटिंग्स के प्रबंध निदेशक गुरप्रीत चटवाल ने कहा कि सड़क, अक्षय ऊर्जा, और निर्माण तथा इंजीनियरिंग जैसे बुनियादी ढांचा आधारित क्षेत्रों को सरकारी खर्च से लगातार लाभ मिल रहा है। वे मजबूत ऑर्डर बुक और क्रियान्वयन की तेज रफ्तार देख रहे हैं। सेवा क्षेत्र भी वित्त वर्ष 2021 की कमजोरी के बाद मजबूत स्थिति में आ रहा है। क्रिसिल का कहना है कि कुछ खास क्षेत्रों की मजबूती की वजह से उसका ऋण अनुपात महामारी के बाद पहली बार 1 से ऊपर पहुंचा है।
जहां तक डाउनग्रेड का सवाल है, संपर्क-केंद्रित क्षेत्रों को ऋण दबाव का लगातार सामना करना पड़ रहा है। इक्रा ने वित्त वर्ष 2022 की पहली छमाही में हॉस्पिटैलिटी और विमानन क्षेत्र की कई कंपनियों की रेटिंग डाउनग्रेड की है। बिजली, रियल एस्टेट और टेक्सटाइल क्षेत्रों का भी पिछले 6 महीनों में डाउनग्रेड में बड़ा योगदान रहा। इक्रा ने कहा है कि बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को वित्त वर्ष 2022 के शेष समय के दौरान रिटेल और एमएसएमई सेगमेंटों से परिसंपत्ति गुणवत्ता दबाव बढऩे की आशंका है।
