ब्रोकरों के मुख्य पसंदीदा शेयर इन्फोसिस, एलऐंडटी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 11:42 PM IST

संवत् 2077 के दौरान बड़े स्तर पर अनिश्चितता के बीच, निवेशकों को कुछ हद तक प्रतिफल को लेकर शिकायत रही। बीएसई के सेंसेक्स ने इस अवधि के दौरान 38 प्रतिशत का प्रतिफल दिया, जबकि निफ्टी ने 40 प्रत्रिात से ज्यादा का प्रतिफल दर्ज किया। जैसा कि तेजी के बाजार में देखने को मिला है, लघु एवं मझोले बाजार पूंजीकरण श्रेणी की कंपनियों ने मुख्य क्षेत्रों के मुकाबले करीब दोगुना प्रतिफल के साथ अच्छा प्रदर्शन किया।
पिछले एक साल के दौरान प्रतिफल के चार्ट पर रियल्टी, धातु और पीएसयू बैंक सूचकांकों का दबदबा रहा और इनकी शेयरधारक वैल्यू करीब दोगुनी हो गई। ब्रोकरों का मानना है कि इनमें से कुछ थीम जैसे रियल्टी और बैंकों का प्रदर्शन संवत् 2078 में भी मजबूत बना रहा। मोतीलाल ओसवाल रिसर्च के विश्लेषकों का कहना है, ‘हमें विश्वास है कि रियल एस्टेट तेजी के चक्र की दिशा में बढ़ रही है और कम ब्याज दरों, कमजोर कीमतों और बढ़ती किफायत के साथ साथ भारत में कम घर स्वामित्व जैसे कई वृहद कारकों से भी मदद मिल रही है।’
प्रत्यक्ष रियल्टी दांव के अलावा, ब्रोकरों का मानना है कि सीमेंट, पाइप, टाइल्स, कंज्यूमर इलेक्ट्रिकल्स, पेंट और प्लाइवुड से संबंधित घर सुधार से जड़ी कंपनियां ऊंचे उपभोक्ता खर्च से लाभान्वित होंगी।
संवत् 2077 में बाजार में रक्षात्मक (फार्मा, एफएमसीजी, निजी बैंक) का प्रदर्शन कमजोर रहा, वहीं कुछ थीम भविष्य में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। कोटक रिसर्च का मानना है कि बैंकों की लोकप्रियता हाउसिंग, ऑटो और असुरक्षित ऋणों जैसे रिटेल सेक्टर में मांग सधार पर केंद्रित रह सकती है। उनका कहना है कि जेनेरिक दवाओं की तेज पेशकश, ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यक्रमों, जीवनरक्षक दवाओं, रोग निवारक टीकों और यूएसएफडीए मंजूरियों के साथ दवा क्षेत्र आशाजनक दिख रहा है।
सितंबर तिमाही के परिणाम से संकेत मिलता है कि खपत मांग अब महामारी-पूर्व स्तरों के आसपास है। इससे मल्टीप्लेक्स क्विक सर्विस रेस्टोरेंट, एम्यूजमेंट पार्क, वाहन और विमानन क्षेत्रा की कंपनियों को मदद मिल सकती है। खपत में वृद्घि से पूंजीगत खर्च चक्र में सुधार को मदद मिल सकती है जिससे इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र पर सरकार का जोर बढ़ सकता है और निर्माण/इन्फ्रा तथा पंूजीगत वस्तु क्षेत्र की कंपनियों को मदद मिल सकती है।
कई ऐसे सकारात्मक बदलाव हैं जिनसे कॉरपोरेट भारत की आय वृद्घि को मदद मिल सकती है। जहां मुख्य वृहद आर्थिक संकेतक सकारात्मक रुझान दर्शा रहे हैं और लगातार मांग और राजस्व वृद्घि बनी रह सकती है, वहीं कॉरपोरेट बैलेंस शीट पर कर्ज घटने, बैंकों की परिसंपत्ति गुणवत्ता में धीरे धीरे सुधार आने से भविष्य में आय वृद्घि को मदद मिल सकती है। ब्रोकरों को निफ्टी की आय वृद्घि वित्त वर्ष 2022 में 18 प्रतिशत के आसपास रहने की संभावना है।
आगामी वर्ष जोखिमों से अलग नहीं है। रिलायंस सिक्योरिटीज का मानना है कि वैश्विक इक्विटीज के लिए मुख्य जोखिम अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल में भारी वृद्घि, अमेरिकी फेडरल की नरम मौद्रिक नीतियों की वापसी की आशंका और ऊंजी ऊर्जा कीमतें होंगी। इसके अलावा निफ्टी के लिए वित्त वर्ष 2023 की आय के 22 गुना पर ऊंचे मूल्यांकन से समय समय पर गिरावट देखी जा सकती है। कोटक रिसर्च के विश्लेषक का कहना है, ‘भारतीय बाजार के ऊंचे मूल्यांकन और कई शेयरों के मल्टीपल में रेटिंग बदलाव के बाद बाजार में बुलबैक की संभावना बढ़ गई है या दीर्घकालिक अवधि के लिए मामूली प्रतिफल की आशंका जताई जा रही है।’
इस संदर्भ में ब्रोकरों का मानना है कि निवेशकों को बिकवाली दबाव की स्थिति में अपने बड़े प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले मिड-कैप में ज्यादा बिकवाली की आशंका को देखते हुए खास शेयरों पर चयन पर ध्यान देने की जरूरत होगी।
जहां ब्रोकर कई थीमों पर उत्साहित हैं, लेकिन दीवाली को लेकर जिन दो शेयरों पर खास ध्यान बना रहा, उनमें इन्फोसिस और लार्सन ऐंड टुब्रो शामिल रहे। जहां एलऐंडटी की वैल्यू पिछले साल के दौरान दोगुनी हुई, वहीं इन्फोसिस में इस अवधि के दौरान 60 प्रतिशत की तेजी आई। पीएसयू बैंकों, आईटी कंपनियों, सीमेंट निर्माताओं और खपत दांव भी संवत 2078 के लिए पसंदीदा क्षेत्रों में शामिल हैं।

First Published : November 7, 2021 | 11:46 PM IST