राज्य सरकार के बॉन्ड की मंगलवार को साप्ताहिक नीलामी में बढ़ी आपूर्ति के साथ-साथ निवेशकों की कम मांग के चलते राज्य सरकार के बॉन्ड पर मिलने वाला यील्ड बढ़ गया। राज्य सरकार के बॉन्ड की नीलामी में मिलने वाला यील्ड 7.22 फीसदी और 7.34 फीसदी के दायरे में रहा जबकि पिछले हफ्ते यह 7.17 फीसदी और 7.20 फीसदी रहा था।
14 राज्यों ने नीलामी में स्टेट बॉन्ड के माध्यम से 50,500 करोड़ रुपये जुटाए। इससे पहले हफ्ते के दौरान 17 राज्यों ने करीब 41,054 करोड़ रुपये जुटाए थे। 10 वर्ष के सरकारी बॉन्ड और 10 वर्ष के राज्य बॉन्ड के बीच ब्याज का अंतर बढ़कर 47-48 आधार अंक हो गया जो पिछले हफ्ते के दौरान 30-35 आधार अंक पर कारोबार कर रहा था। 10 वर्ष के बेंचमार्क सरकारी बॉन्ड का यील्ड मंगलवार को 6.75 प्रतिशत पर बंद हुआ जो सोमवार को 6.74 प्रतिशत पर था।
बाजार प्रतिभागियों का कहना है कि बाजार में बॉन्ड की आपूर्ति काफी ज्यादा थी लेकिन निवेशकों की तरफ से मांग कम थी। इसके अलावा जीवन बीमा निगम की पॉलिसी परिपक्व होने के कारण भी लोगों ने पैसे निकाले और नकदी की कमी के कारण बैंक आक्रामक तरीके से ज्यादा खरीदारी नहीं कर रहे थे।
आरबीएल बैंक में ट्रेजरी प्रमुख अंशुल चंदक कहते हैं, ‘यील्ड स्प्रेड यानी ब्याज वाले बॉन्ड के बीच शुद्ध अंतर करीब 30-35 आधार अंक था जो अब बढ़कर 47-48 आधार अंक हो
गया है। पिछले दो-ढाई वर्षों में यह अंतर करीब 30 आधार अंकों के स्तर पर बना हुआ है।’
चंदक कहते हैं, ‘यह बदलाव भारी आपूर्ति और मांग में कमी के कारण है। एलआईसी को इस महीने पॉलिसी के परिपक्व होने पर भारी रकम चुकानी पड़ी जिससे शुद्ध खरीदारी में कमी आई। वहीं बैंक भी अपनी खरीद में उतने आक्रामक नहीं दिखे क्योंकि वर्ष के अंत में इन्हें भी नकदी की कमी का सामना करना पड़ा। नतीजतन अंतर काफी बढ़ गया।’
बाजार प्रतिभागियों ने कहा कि सोमवार को सेकंडरी बाजार में कॉरपोरेट बॉन्ड की यील्ड में बढ़ोतरी हुई और आगे यह और बढ़ सकता है।
एक सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, ‘इसका असर निश्चित रूप से कॉरपोरेट बॉन्ड पर भी पड़ेगा। कम नकदी के चलते सतर्कता बरतना जरूरी है।’ भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़े के मुताबिक सोमवार तक बैंकिंग तंत्र की शुद्ध नकदी में 1.09 लाख करोड़ रुपये की कमी थी। बैंकिंग तंत्र में शुद्ध नकदी, पिछले 11 हफ्ते से लगातार घाटे में रही है।