हाल ही में इंदौर में संपन्न वैश्विक निवेशक सम्मेलन (जीआईएस) में राज्य सरकार को कुल मिलाकर 15.4 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे जिनमें से 6.09 लाख करोड़ रुपये का निवेश नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में आना है।
राज्य के ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘स्थानीय निकायों का ग्रीन बॉन्ड को अपनाना अपनी तरह की कोई अनूठी घटना नहीं है। हम निरंतर आकलन कर रहे हैं और यह प्रयास कर रहे हैं कि बाजार से कैसे अधिक से अधिक फंड जुटाया जाए। हम अपनी ओर से ज्यादा निवेश न करते हुए भी ग्रीन एनर्जी से जुड़ा बदलाव लाने का प्रयास कर रहे हैं।’
इंदौर नगर निगम ने ग्रीन बॉन्ड की मदद से 244 करोड़ रुपये का निवेश जुटाने की मंशा जताई है। उसने पब्लिक इश्यू के लिए ऑफर डॉक्युमेंट भी पेश किया है। लगातार छह बार से देश का सबसे स्वच्छ शहर घोषित हो रहे इंदौर के नगर निगम ने कहा है कि वह इस फंड का इस्तेमाल 80 किलोमीटर दूर स्थित जालूद वाटर पंपिंग स्टेशन पर 60 मेगावॉट क्षमता का का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए करेगा वहीं भोपाल नगर निगम की योजना ग्रीन फंड की मदद से सौर और पवन ऊर्जा संयंत्रों पर काम करने की है।
दुबे ने कहा, ‘इंदौर और भोपाल के अलावा अन्य नगरीय निकाय तथा पंचायतें भी ऐसे फंड के लिए प्रयासरत हैं। करीब 200 पंचायतों ने सौर ऊर्जा पैनल स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह पूरा बदलाव अलग-अलग तरीके से किया जा रहा है। कुछ जगहों पर निजी डेवलपर यह काम कर रहे हैं तो अन्य स्थानों पर ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रॉक्युरमेंट और कंस्ट्रक्शन) मोड तो कई स्थानों पर माइनिंग से आने वाले फंड का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह सारा काम एक साथ हो रहा है।’
मध्य प्रदेश कैबिनेट ने हाल ही में 63,000 मेगावॉट क्षमता की पंप्ड हाइड्रो स्टोरेज को हरी झंडी दिखाई है। दुबे ने कहा, ‘अब हम जीआईएस के दौरान सामने आए निवेश प्रस्तावों पर आगे बढ़ रहे हैं।’
प्रदेश के अलग-अलग जलाशयों में तीन फ्लोटिंग सोलर पॉवर प्लांट भी स्थापित किए जा रहे हैं। इसमें कुल 7,500 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। प्रदेश में पहले ही खंडवा स्थित ओंकारेश्वर डैम में 600 मेगावॉट क्षमता का फ्लोटिंग पॉवर प्लांट स्थापित कर चुकी है।