सरकारी बॉन्ड का प्रतिफल शुक्रवार को तेजी से बढ़ा और सॉवरिन बॉन्ड की तय प्राथमिक नीलामी में मांग सुस्त रही क्योंकि बाजार के भागीदारों को डर है कि अगले साल के लिए केंद्र सरकार रिकॉर्ड उधारी कार्यक्रम का ऐलान कर सकती है।
10 वर्षीय बेंचमार्क बॉन्ड का प्रतिफल शुक्रवार को 7.39 फीसदी पर बंद हुआ, जो पिछले बंद स्तर से चार आधार अंक ज्यादा है। बॉन्ड की कीमतें और प्रतिफल एक दूसरे के विपरीत दिशा में चलते हैं। 10 वर्षीय प्रतिभूति के प्रतिफल में एक आधार अंक की बढ़ोतरी से कीमत में करीब 7 पैसे की गिरावट आती है।
10 वर्षीय बेंचमार्क बॉन्ड का शुक्रवार का बंद स्तर 7 नवंबर के बाद का सबसे ऊंचा प्रतिफल है। कारोबारी सत्र के दौरान 10 वर्षीय बेंचमार्क बॉन्ड का प्रतिफल 7.40 फीसदी के मनोवैज्ञानिक स्तर तक चढ़ गया था।
शुक्रवार को 30,000 करोड़ रुपये के सरकारी बॉन्ड की नीलामी हुई और इन पर कटऑफ प्रतिफल बाजार के अनुमानों से ज्यादा थे, जो बॉन्ड की कमजोर मांग का संकेत देता है। डीलरों ने यह जानकारी दी। 14 वर्षीय बॉन्ड का प्रतिफल (सरकार ने 11,000 करोड़ रुपये के ये बॉन्ड बेचे) खास तौर से कमजोर थे, जो अगले वित्त वर्ष में लंबी अवधि की प्रतिभूतियों की बड़ी आपूर्ति को लेकर असहजता को प्रतिबिंबित करता है।
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अर्थशास्त्रियों व ट्रेजरी अधिकारियों के मुताबिक, 1 फरवरी को आम बजट में सरकार 15 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की सकल उधारी का ऐलान कर सकती है। ये आंकड़े बॉन्ड की आपूर्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं और यह साप्ताहिक आधार पर बाजार में उतारे जाएंगे। लेकिन यह मौजूदा वर्ष की रिकॉर्ड सकल उधारी 14.3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा होगी।
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की अर्थशास्त्री गौरा सेन गुप्ता ने कहा, वित्त वर्ष 24 में सरकारी प्रतिभूति शुद्ध रूप से 11.8 लाख करोड़ रुपये की जारी हो सकती है।