facebookmetapixel
Sushila Karki होंगी नेपाल की नई अंतरिम प्रधानमंत्री, आज रात 9 बजे लेंगी शपथ; राष्ट्रपति कार्यालय ने किया ऐलानशेयर बाजार में बड़े सुधार! SEBI बोर्ड ने IPO नियमों में दी ढील, विदेशी निवेशकों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम शुरूभारत-चीन सीमा पर रेलवे नेटवर्क होगा मजबूत, 500 किमी नई रेल लाइन प्रोजेक्ट पर खर्च होंगे 300 अरब रुपयेनिवेशकों को मिलेगा 156% रिटर्न! सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 2019-20 सीरीज-X पर RBI ने तय की नई रिडेम्पशन कीमतSBI ने ऑटो स्वीप की सीमा बढ़ाकर ₹50,000 कर दी है: ग्राहकों के लिए इसका क्या मतलब है?India’s Retail Inflation: अगस्त में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 2.07% पर, खाने-पीने की कीमतों में तेजी से बढ़ा दबावBank vs Fintech: कहां मिलेगा सस्ता और आसान क्विक लोन? समझें पूरा नफा-नुकसानचीनी कर्मचारियों की वापसी के बावजूद भारत में Foxconn के कामकाज पर नहीं होगा बड़ा असरGST कट के बाद दौड़ेगा ये लॉजि​स्टिक स्टॉक! मोतीलाल ओसवाल ने 29% अपसाइड के लिए दी BUY की सलाह₹30,000 करोड़ का बड़ा ऑर्डर! Realty Stock पर निवेशक टूट पड़े, 4.5% उछला शेयर

बाजार में निवेश करने का सबसे माकूल वक्त

Last Updated- December 07, 2022 | 9:41 AM IST

क्या भारत की गिरती विकास दर को बाजार के प्रदर्शन के लिए जिम्मेवार माना जा सकता है?


भारत विकास के पथ पर अग्रसर है और भारतीय अर्थव्यवस्था के बुनियादी तत्वों में कुछ भी नहं बदला है।


हालांकि कुछ घटनाओं मसलन बढ़ती तेल कीमतों और महंगाई दर में इजाफे ने कुछ हद तक विकास दर को प्रभावित किया है। लेकिन ऐसा कह देना जल्दबाजी होगी कि विकास की गाड़ी पटरी से ही उतर गई है।



आने वाले कुछ समय के लिए आपका क्या कहना है और निवेशकों को बाजार के इस माहौल में कैसे कदम उठाने चाहिए?


मौजूदा बाजार स्थिति की बात की जाए तो यह बहुत हद तक वैश्विक तेल कीमतों पर निर्भर है। दूसरे  शब्दों में कहें, तो यह तेल कीमतों को लेकर कुछ ज्यादा ही संवेदनशील हो गया है।


लिहाजा आगे आने वाले समय में बहुत कुछ इस पर निर्भर करेगा कि तेल की कीमतें किस दिशा की ओर रुख करती हैं। हालांकि लंबे समय यानी दूरगामी भविष्य को भी ध्यान में रखते हुए हम भारतीय बाजार के प्रति सकारात्मक रख ही रख रहे हैं।


 लिहाजा दरकार इस चीज की है कि निवेशक  बाजार को समय के दायरे में बांधने की कोशिश न करें। जिन निवेशकों ने पहले से ही निवेश कर रखा है उनके लिए बेहतर यह होगा कि वे अपने निवेश किए हुए पैसों के साथ पूरा धैर्य बरतें।

जबकि नए निवेशकों के लिए मुफीद यह होगा कि वे व्यवस्थित निवेश के सामान्य तरीके को अपनायें और उनमें भी आम तौर पर लंबे समय का ध्यान रखें।


एसेट एलोकेशन को देखते हुए निवेशकों को निवेश करने की किस प्रकार की रणनीति अख्तियार करने को आप कहेंगे?


जब आपको अपने बाल कटवाने होते हैं तो आप स्वयं ही अपने बाल काटते हैं या फिर हज्जाम के पास जाते हैं। यह बात आपके वित्तीय निवेश पर भी फिट बैठती है कि आप निवेश के लिए किस प्रकार की रणनीति अपनाते हैं या फिर किस प्रकार की योजनाओं को अपनाते है।

 यहां एक बात और है कि हरेक व्यक्ति को अलग-अलग प्रकार की निवेश योजनाओं की दरकार होती है। लिहाजा किसी भी प्रकार के बाजार में निवेश करने से पहले निवेशकों को चाहिए कि वो पहले अपने वित्तीय योजनाकार से संपर्क करें और उसके बाद निवेश करने की सोचे।


बाजार में मंदी होने के बावजूद भारत में किन सेक्टरों में आप निवेश करने का सुझाव देंगे?


रिटेल निवेशकों के भारतीय इक्विटी पर मालिकाना हक को देखते हुए मैं बस इतना कह सकता हूं कि पहले बड़े बाजार में निवेश करें फिर विशेषज्ञता की ओर रुख करें।


फिर भी यह कहा जा सकता है कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश दिलचस्प साबित हो सकता है। इसके अलावा बैंकिंग और वित्तीय सेवा भी ऐसे सेक्टर हैं, जो आकर्षक वैल्यूशन के साथ निवेशकों के लिए सकारात्मक लग रहे हैं।

First Published - July 7, 2008 | 12:44 AM IST

संबंधित पोस्ट