मराठा सहकारी बैंक (एमएसबी) का खुद में विलय करने के बाद पुणे के कॉसमॉस कोऑपरेटिव बैंक अपने कारोबार के विस्तार और शाखाओं की संख्या 200 तक बढ़ाने के लिए कुछ अन्य शहरी सहकारी बैंकों के अधिग्रहण की संभावनाएं तलाश रहा है।
स्वैच्छिक विलय के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की अनुमति मिलने के साथ ही कॉसमॉस ने मराठा सहकारी बैंक की सात शाखाओं को एकीकृत किया है। कॉसमॉस बैंक के चेयरमैन मिलिंद काले ने कहा कि अब बैंक की 159 शाखाओं का नेटवर्क सात राज्यों तक विस्तृत है।
अब तक इस बैंक ने विभिन्न वित्तीय सेहत वाले 16 शहरी सहकारी बैंकों का अधिग्रहण किया है। उनमें से कुछ बैंकों की शुद्ध हैसियत नकारात्मक थी जबकि कुछ की सेहत अच्छी थी मगर उनका कारोबार एक ही शाखा तक सीमित था। कॉसमॉस ने शहरी सहकारी बैंकों के अधिग्रहण के लिए उपयुक्त विशेषज्ञता और संस्कृति विकसित की है।
फिलहाल वह संभावित अधिग्रहण के लिए साहेबराव देशमुख को-कॉपरेटिव बैंक के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। काले ने कहा कि तगड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण छोटे बैंकों के लिए बाजार में बने रहना कठिन हो गया है। ऐसे में सहकारी क्षेत्र के मूल्यों का निर्बाह करते हुए कॉसमॉस बैंक ऐसे तमाम बैंकों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है।
मराठा सहकारी बैंक के विलय से कॉसमॉस बैंक को 84 करोड़ रुपये की जमा सुरक्षित हो गई और बैंक ने 5 लाख रुपये कम जमा वाले ग्राहकों की कुल 112 करोड़ रपये की जमा के लिए जमा बीमा एवं ऋण गारंटी कॉरपोरेशन द्वारा भुगतान की जिम्मेदारी भी ली है। कॉसमॉस बैंक का कारोबार (जमा एवं अग्रिम) बढ़कर मार्च 2023 के अंत में 30,745 करोड़ रुपये हो गया जो एक साल पहले 28,815 करोड़ रुपये रहा था। उसका सकल एनपीए घटकर 4.8 फीसदी रह गया जो एक साल पहले 6.86 फीसदी था।