भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) का अग्रणी भुगतान प्लेटफॉम यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) लगातार अपनी अप्रत्याशित बढ़त बनाए हुए है। मार्च महीने में लेनदेन के मूल्य के लिहाज से यह 5 लाख करोड़ रुपये की सीमा का पार कर गया और जहां तक लेनदेन की संख्या का सवाल है तो यह धीरे धीरे हर महीने 3 अरब की ओर बढ़ रहा है। एनपीसीआई की ओर से जारी किए गए आंकडों के मुताबिक मार्च में यूपीआई के जरिये 2.73 अरब लेनदेन हुए जिसकी रकम 5.04 लाख करोड़ रुपये थी। ये आंकड़े मूल्य और संख्या दोनों लिहाज से पिछले महीने से 19 फीसदी अधिक रहे। फरवरी में यूपीआई के माध्यम से 2.3 अरब लेनदेन किए गए थे जिसकी रकम 4.25 लाख करोड़ रुपये थी।
पिछले वर्ष के मार्च महीने से तुलना करने पर यूपीआई के जरिये होने वाले लेनदेनों की संख्या और मूल्य में क्रमश: 120 फीसदी और 144 फीसदी की उछाल आई है। वित्त वर्ष 2021 में यूपीआई के जरिये 22 अरब से अधिक लेनदेन हुए जिसकी रकम 34.19 लाख करोड़ रुपये है।
2016 में लॉन्च होने के बाद अक्टूबर 2019 में यूपीआई ने 1 अरब लेनदेन का आंकड़ा पार किया था। एक महीने में एक अरब लेनदेन पर पहुंचने में यूपीआई को तीन साल लगे थे लेकिन यह आंकड़ा 2 अरब तक पहुंचने में महज एक साल का समय लगा जिससे उपभोक्ताओं द्वारा पीयर-टू-पीयर (पी2पी) भुगतानों और पीयर टू मर्चेंट (पी2एम) लेनदेनों में यूपीआई को तवज्जो दिए जाने का संकेत मिलता है।
जब हम पी2पी और पी2एम में लेनदेन के आंकड़ों को अलग करते है तो पाते हैं कि फरवरी में यूपीआई प्लेटफॉर्म पर करीब 56 फीसदी लेनदेन पी2पी थे और बाकी पी2एम। मूल्य के संदर्भ में 83 फीसदी से अधिक लेनदेन पी2पी रहे और बाकी पी2एम। मार्च के आंकड़ों को अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है। डिजिटल भुगतानों विशेष कर यूपीआई के इस्तेमाल में 2020 में कोविड-19 के कारण जबरदस्त तेजी आई। कोविड-19 महामारी के शुरुआती महीनों को यदि छोड़ दें जब लेनदेन की संख्या और मूल्य दोनों में कमी आई थी के बाद इसमें सुधार तेज गति से हुई थी और एनपीसीआई के भुगतान प्लेटफॉर्मों ने ऊंचाई हासिल की।
