ऐसे समय में जब भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर के उत्तराधिकारी के चयन की प्रक्रिया अपने अंतिम दौर में पहुंच रही है, यह बहस जोर पकड़ रही है कि क्या किसी बैंकर को ही इस पद के लिए चुनने की चली आ रही प्रथा उचित है।
इस पूरे मामले में करीब से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इस बहस ने कुछ बैंक यूनियनों के वित्त मंत्रालय जाने के बाद जोर पकड़ा है। उन्होंने तर्क दिया कि किसी व्यवसायिक बैंकर को डिप्टी गवर्नर बनने से हितों में टकराव बढ़ जाता है। सूत्रों ने बताया कि पीएमओ आरबीआई और वित्त मंत्रालय के सहयोग से लीलाधार का उत्तराधिकारी खोजने के लिए एक पैनल बनाएगा जो दिसंबर 2008 को यह पद छोड़ रहे हैं।