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एक्सिस बैंक में हिस्सेदारी बेचेगी सूटी

Last Updated- December 07, 2022 | 3:41 PM IST

यूटीआई की स्पेशल अंडरटेकिंग यानी एसयूयूटीआई (सूटी) ने एक्सिस बैंक में अपनी अधिकांश हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।


सूत्रों का कहना है कि इसके लिए 15 मर्चेंट बैंकरों केलिए मैदान खुला छोड़ दिया गया है और इस संबंध में वे अपने विश्वसनीयता संबंधी प्रमाण सूटी के सामने रख रहें हैं। शेयरों की बिकवाली के लिए एक सलाहकार की नियुक्ति शीघ्र ही की जाएगी। सलाहकार शेयरों की बिकवाली के  समय और इससे जुड़े अन्य पहलुओं पर फैसला करेंगे।

बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में एक सूत्र का कहना था कि हमनें ऐसी प्रक्रि या के बारे में चर्चा की है जो सेबी द्वारा दिशा-निर्देशों पर खरे उतरते हैं। जहां तक शेयरों की बिकवाली का सवाल है तो यह इसमें सरकारी इकाइओं केअलावा निजी क्षेत्र के खिलाड़ियों को भी भाग लेने की छूट दी गई है।

मालूम हो कि इससे पहले एक्सिस बैंक यूटीआई बैंक के नाम से जाना जाता था और रिजर्व बैंक ने यह स्पष्ट किया है कि एक्सिस बैंक ने निजी क्षेत्र की बैंक के रूप में कार्य करने का लाइसेंस प्राप्त किया था। इससे पहले जीवन बीमा निगम और कॉर्पोरेशन बैंक ने एक्सिस बैंक के अधिग्रहण का प्रस्ताव दिया था लेकिन सरकार ने इस मुद्दे पर रिजर्व बैंक से चर्चा की जिसके बाद रिजर्व बैंक ने एसयूयूटीआई यानी सूटी को ऐसी प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया जिसकेतहत विभिन्न शेयरदारों की भागीदारी सुनिश्चित हो सके।

कीमतों के आधार पर एसयूयूटीआई के पास एक्सिस बैंक के 972.2 लाख शेयर हैं जिसकी कीमत लगभग 7,400 करोड रुपये है। एक्सिस बैंक, आईटीसी और एल एंड टी केअलावा एसयूयूटीआई के पोर्टफोलियों में तीन ब्लू चिप शेयरों के रूप में शामिल है। लेकिन सूत्रों ने बताया कि एसयूयूटीआई जिसने यूनिट ट्रस्ट इंडिया के नॉन-एनएवी स्कीमों का अधिग्रहण किया था उसने इसे बेचने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। मालूम हो कि आईटीसी और एल एंड टी में निवेश ट्रीजरी ऑपरेशन का हिस्सा था ।

यूटीआई एक्सिस बैंक के लिए प्रोमोटर का काम कर रहा था। सूत्र ने बताया कि चूंकि कर्ज के भुगतान केलिए नकद राशि की आवश्यक ता नहीं है इसलिए आईटीसी और एल एंड टी के शेयर फिलहाल नहीं बेचे जा रहें हैं। अगर 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा कर्जों जो कि वर्ष 2009 के मार्च और जून में प्रतिदान राशि केरूप में दिए जाने हैं, का भुगतान करने में पैसों की कमी होती है तो उस स्थिति में एसयूयूटीआई असूचीबध्द कंपनियों और अन्य इकाइओं में इस कमी को पूरा करने के लिए अपने निवेश का उपयोग करेगा। असूचीबध्द पोर्टफोलियो की कीमत 500 करोड रुपये से लेकर 1,500 करोड रुपये के बीच है और एसयूयूटीआई ने वन-टाइम सेटलमेंट स्कीम की शुरू कर दिया है।

First Published - August 6, 2008 | 10:43 PM IST

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