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सर्वे में खुलासा, सभी सरकारी बैंकों का NPA फरवरी में कम हुआ

फिक्की-आईबीए बैंकर्स रिपोर्ट में शामिल आधे से अधिक बैंकों का मानना है कि अगले छह महीनों में सकल एनपीए 3-3.5 प्रतिशत के दायरे में रहेगा।

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भाषा   
Last Updated- March 21, 2024 | 4:56 PM IST

भारत में सरकारी बैंकों (PSBs) की गैर-निष्पादित आस्तियों (NPA) में पिछले छह माह में कमी आई है। फिक्की-आईबीए बैंकर के गुरुवार को जारी सर्वेक्षण में कहा गया है कि इस अवधि में निजी क्षेत्र के 67 प्रतिशत बैंकों का खराब ऋण घटा है।

सर्वेक्षण में शामिल 77 प्रतिशत बैंकों के एनपीए में पिछले छह माह में गिरावट आई है। निजी क्षेत्र के बैंकों की तुलना में सरकारी बैंकों की संपत्ति की गुणवत्ता में अधिक सुधार हुआ है।

उद्योग मंडल फिक्की-आईबीए बैंकर्स सर्वेक्षण का 18वां दौर जुलाई से दिसंबर, 2023 की अवधि में किया गया था। सर्वेक्षण में सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र और विदेशी बैंकों सहित कुल 23 बैंकों ने भाग लिया। संपत्ति के आकार के आधार पर वर्गीकृत ये बैंक कुल मिलाकर लगभग 77 प्रतिशत बैंकिंग उद्योग का प्रतिनिधित्व करते हैं।

फिक्की-आईबीए बैंकर्स रिपोर्ट में शामिल आधे से अधिक बैंकों का मानना है कि अगले छह महीनों में सकल एनपीए 3-3.5 प्रतिशत के दायरे में रहेगा।

सर्वेक्षण में कहा गया, “प्रतिक्रिया देने वाले सभी पीएसबी ने एनपीए के स्तर में कमी स्वीकार की है, जबकि भाग लेने वाले निजी क्षेत्र के बैंकों में से 67 प्रतिशत बैंकों ने एनपीए में कमी देखी है। किसी भी पीएसबी और विदेशी बैंक ने पिछले छह माह में एनपीए स्तर में वृद्धि नहीं देखी है, जबकि 22 प्रतिशत निजी बैंकों का एनपीए बढ़ा है।’’

जिन क्षेत्रों में एनपीए का उच्चस्तर जारी है, उनमें से अधिकांश बैंकों ने खाद्य प्रसंस्करण, कपड़ा और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों को चिह्नित किया है।

सर्वेक्षण से यह भी पता चलता है कि अगले छह महीनों में गैर-खाद्य उद्योग ऋण के लिए दृष्टिकोण आशावादी है, 41 प्रतिशत बैंकों को गैर-खाद्य उद्योग ऋण वृद्धि 12 प्रतिशत से ऊपर रहने की उम्मीद है, जबकि 18 प्रतिशत को लगता है कि गैर-खाद्य उद्योग ऋण वृद्धि 12 प्रतिशत से अधिक होगी।

उद्योगों को कर्ज वृद्धि 10-12 प्रतिशत की सीमा में होगी। इसके अलावा, 36 प्रतिशत बैंकों का मानना है कि गैर-खाद्य उद्योग ऋण वृद्धि 8-10 प्रतिशत की सीमा में होगी।

First Published : March 21, 2024 | 4:56 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)