रिजर्व बैंक की ओर से नकद आरक्षित अनुपात, रेपो रेट और एसएलआर में कटौती के बाद बैंकों पर ब्याज दरों में कमी करने का दबाव बढ़ गया है।
इस बीच, भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन ओ.पी. भट्ट ने कहा कि एसबीआई इस हफ्ते ब्याज दरों को संशोधित करने का फैसला ले सकता है। उन्होंने कहा कि एसबीआई नकदी की किल्लत झेल रही म्युचुअल फंड कंपनियों को पहले ही 5,000 करोड़ रुपये का ऋण मुहैया करा चुका है।
बैंक गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं को भी ऋण देने पर विचार कर रहा है। भट्ट ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि पिछले कुछ हफ्तों में म्युचुअल फंड कंपनियों को सबसे ज्यादा ऋण एसबीआई ने दिए हैं। उनका कहना है कि रिजर्व बैंक गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं और म्युचुअल फंड कंपनियों को संकट से निकालने के लिए जरूरी कदम उठा रहा है।
भट्ट ने बताया कि बैंक के अधिकारी रिजर्व बैंक की ओर से उठाए गए कदमों की समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल, मध्यावधि या दीर्घ अवधि के नजरिये से कुछ भी कहना सही नहीं होगा।
‘पर छोटे-मझोलों का क्या होगा’
उच्च ब्याज दरों पर चिंता जताते हुए भारतीय उद्योग परिसंघ के अध्यक्ष के.वी.कामत ने कहा कि छोटे और मझोले उपक्रमों (एसएमई) में कॉरपोरेट चूक से इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा – एसएमई के बारे में बैंकर चिंतित हैं। हम दरअसल भाग्यशाली हैं क्योंकि एसएमई क्षेत्र की चिंता को छोड़ दें तो भारतीय कंपनियां अभी भी अच्छी शक्ल में हैं। ब्याज दरें उनके लिए चुनौती होंगी। उनके अलावा, बुनियादी ढांचा जिसे 750 अरब डॉलर के निवेश की जरूरत है, उच्च ब्याज दर का शिकार हो सकता है।
म्युचुअल फंडों को चाहिए दवाई : म्युचुअल फंडों और गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (एनबीएफसी) के धराशायी होने की चेतावनी देते हुए सीआईआई के अध्यक्ष के.वी.कामत ने सरकार से कहा कि अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए इस महत्वपूर्ण वित्तीय क्षेत्र को बचाया जाए। म्युचुअल फंड और एनबीएफसी 6,30,000 करोड़ रुपये के ऋण दबाव में हैं। – के. वी. कामत
आज होगी अहम बैठक : वैश्विक वित्तीय संकट से विश्वास में कमी को खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सोमवार को उद्योगपतियों से मुलाकात करेंगे। बैठक में रतन टाटा, आनंद महिंद्रा, मुकेश अंबानी, अनिल अंबानी, के.पी. सिंह, सुनील भारती मित्तल, दीपक पारेख आदि के शामिल होने की उम्मीद है। ऐसोचैम, सीआईआई और फिक्की के अध्यक्ष क्रमश: सज्जन जिंदल, के.वी.कामत और राजीव चंद्रशेखर भी इसमें शिरकत करेंगे। – मनमोहन सिंह
बैंक घटाएं ब्याज दर : आरबीआई द्वारा रेपो समेत प्रमुख दरों में की गई ताजा कटौती को ‘सही संकेत’ करार देते हुए वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने कहा कि वे सरकारी बैंकों से ब्याज दरों में कमी पर विचार करने के लिए कहेंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि 4 नवंबर को सरकारी बैंकों के अध्यक्षों के साथ दिल्ली में होने वाली बैठक में ब्याज दरों में कटौती का मुद्दा उठाएंगे।
वैश्विक वित्तीय संकट और अमेरिकी मंदी के मद्देनजर केंद्र्रीय बैंक ने बाजार में अक्टूबर माह के दौरान 1,85,000 करोड़ रुपये नकदी का प्रवाह किया था। उन्होंने बताया कि वैश्विक मंदी ने भारत में भी मंदी के आसार उत्पन्न कर दिए, जिसकी वजह से शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव आया। रिजर्व बैंक की नीतियां बैंकों को संकेत देती हैं कि वे अब ब्याज दर कम करने के बारे में विचार करें। – पी. चिदंबरम