देश की सबसे बड़ी आवास ऋण प्रदाता हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनैंस कॉर्पोरेशन (एचडीएफसी) के चेयरमैन दीपक पारेख ने कहा कि ब्याज दरों में मामूली बढ़ोतरी होने से होम लोन की मांग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि दरें इस समय ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर हैं। सीआईआई के एक कार्यक्रम में बोलते हुए दिग्गज बैंकर ने कहा कि आवास ऋण लंबे समय का ऋण होता है और इस दौरान ब्याज दरें घटती बढ़ती रहती हैं, मकान खरीदने के इच्छुक ग्राहक सिर्फ इसलिए अपना फैसला नहीं रोकते कि ब्याज दरें बढ़ रही हैं।
पिछले 3 साल से ब्याज दर कम बना हुआ है, लेकिन अब यह चक्र बदलने के संकेत मिल रहे हैं। कुछ वैश्विक केंद्रीय बैंक दरें बढ़ा रहे हैं। बहरहाल भारतीय रिजर्व बैंक ने वृद्धि बहाल होने व उसके स्थिर व टिकाऊ होने तक बहुत नरम रुख रखने का वादा किया है।
ब्याज दरों पर प्रतिक्रिया देते हुए पारेख ने कहा, ‘साफतौर पर इस समय हम ब्याज दर के निचले चक्र में हैं। लेकिन इस बात का भरोसा है कि अगर केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में कोई बढ़ोतरी करता है तो इसके कारण कोई व्यवधान नहीं आएगा।’ उन्होंने कहा, ‘सरकार ने आवास ऋण पर कर प्रोत्साहन जारी रखा है, यह भी ब्याज दर को कम व प्रभावी रखने में मददगार है। इस चिंता की वजह है कि बैंक इस समय बाहरी बेंचमार्क या रीपो से जुड़े कर्ज दे रहे हैं, और अब तक बेंचमार्क नीतिगत दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है।’
पारेख के मुताबिक ब्याज दरों में बढ़ोतरी आवास ऋण के लिए नुकसानदेह नहीं होगी। उन्होंने कहा, ‘याद रखें कि हमने आवास ऋण पर पहले 17-18 प्रतिशत ब्याज देखा है। आज ब्याज दरें अभी भी ऐतिहासिक निचले स्तर पर हैं, ऐसे में अगर थोड़ी बढ़ोतरी होती है तो इसका असर आवास ऋण की मांग पर नहीं पड़ेगा।’
क्या आवास की कीमत बढ़ेगी, इस पर पारेख ने कहा कि कुछ महंगी परियोजनाओं की कीमतों में पहले ही 15 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो चुकी है, हालांकि यह बढ़ोतरी सभी जगह नहीं हुई है।
उन्होंने कहा, ‘कुछ महानगरों को छोड़ दें तो सस्ते मकान की कीमतें स्थिर रही हैं। 50 लाख से 1 करोड़ रुपये के मकान अभी सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं।’