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वित्त वर्ष 2021-23 में तेज रफ्तार से बढ़ा रिटेल लोन: RBI रिपोर्ट

बैंकों द्वारा दिए जाने वाले कुल कर्ज में खुदरा कर्ज की हिस्सेदारी एक तिहाई है

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मनोजित साहा   
Last Updated- June 28, 2023 | 10:41 PM IST

बैंकों का खुदरा ऋण तेजी से बढ़ा है। भारतीय रिजर्व बैंक की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (FSR) के अनुसार मार्च 2021 से मार्च 2023 के दौरान बैंकों के कुल ऋण की तुलना में खुदरा ऋण कहीं अधिक तेजी से बढ़ा है। बैंक बीते कई वर्षों से खुदरा ऋण बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे।

मार्च 2021 से मार्च 2023 के बीच खुदरा ऋण 24.8 प्रतिशत संयुक्त सालाना वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ा है। यह इसी अवधि के दौरान सकल कर्ज की 13.8 प्रतिशत CAGR की तुलना में दोगुना है।

बैंकों द्वारा दिए जाने वाले कुल कर्ज में खुदरा कर्ज की हिस्सेदारी एक तिहाई है।

आगे के आंकड़ों से पता चलता है कि सुरक्षित और असुरक्षित ऋण की हिस्सेदारी में भी इस दौरान बदलाव आया है। बैंकों का असुरक्षित खुदरा ऋण 22.9 प्रतिशत से बढ़कर 25.2 प्रतिशत पर पहुंच गया है। वहीं सुरक्षित ऋण 77.1 प्रतिशत से घटकर 74.8 प्रतिशत रह गया है।

हालांकि सिस्टम के स्तर पर खुदरा ऋण का GNPA स्तर मार्च 2023 में 1.4 प्रतिशत के निचले स्तर पर था। वहीं विशेष उल्लिखित खातों (SMA) ही हिस्सेदारी तुलनात्मक रूप से उच्च स्तर 7.4 प्रतिशत रही है। हालांकि सबसे अहम यह है कि SMA 1 और SMA 2 खातों, जिनमें चूक की संभावना ज्यादा होती है, में सुधार आया है।

First Published : June 28, 2023 | 10:41 PM IST