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रिजर्व बैंक की बैलेंस शीट 8.46 प्रतिशत बढ़ी

Last Updated- December 11, 2022 | 6:38 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक की बैलेंस शीट 31 मार्च, 2022 को समाप्त 12 महीनों के दौरान 8.46 प्रतिशत बढ़ी है। इससे मुख्य रूप से इसकी नकदी और विदेशी विनिमय परिचालन का पता चलता है। रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट 2021-22 में कहा गया है कि साल के दौरान आमदनी में जहां 20.14 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, वहीं व्यय में 280.13 प्रतिशत की भारी भरकम बढ़ोतरी हुई है।
बदलाव के बाद वित्त वर्ष 22 अप्रैल से मार्च तक का पूरा वर्ष था। वित्त वर्ष 21 में नया अकाउंटिंग अपनाया गया था, जो मार्च 2021 में 9 माह पर समाप्त हो गया था।
साल कुल 30,307.45 करोड़ रुपये अधिशेष के साथ खत्म हुआ, जबकि इसके पहले के साल (वित्त वर्ष 21) में 99,122 करोड़ रुपये पर खत्म हुआ था।
इस माह की शुरुआत में रिजर्व बैंक के सेंट्रल बोर्ड ऑफ डॉयेक्टर्स ने केंद्र सरकार को 30,207.45 करोड़ रुपये अधिशेष हस्तांतरित करने को मंजूरी दी थी।
वित्त वर्ष 22 में आमदनी बढ़कर 1.60 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई, जो वित्त वर्ष 21 में 1.34 लाख करोड़ रुपये थी। बहरहाल व्यय बढ़कर करीब 1.30 लाख करोड़ रुपये हो गया, जिसकी प्रमुख वजह आपातकालीन निधि (सीएफ) के लिए 1.15 लाख करोड़ रुपये और 100 करोड़ रुपये संपत्ति विकास फंड का प्रावधान किया जाना है। इसकी वजह से अधिशेष में कमी आई है।
येस बैंक के अर्थशास्त्रियों ने कहा, ‘आपातकालीन निधि में बढ़ा हुआ हस्तांतरण रिजर्व बैंक के बैलेंस शीट की बढ़ोतरी से दिया गया है और वित्त वर्ष 22 के लिए लाभांश भुगतान 303 अरब रुपये कम हो गया।’ इसमें कहा गया है, ‘बैलेंस शीट का आधार बढ़कर 4,82,633.14 करोड़ रुपये (8.46 प्रतिशत की वृद्धि) बढ़कर 31 मार्च, 2022 को 61,90,302.27 करोड़ रुपये हो गया, जो 31 मार्च, 2021 को 57,07,669.13 करोड़ रुपये था।’
रिपोर्ट में कहा गया है कि संपत्ति के आकार में बढ़ोतरी विदेशी व घरेलू निवेशों, सोने व अग्रिम में वृद्धि के कारण हुई है। जमाओं, जारी किए गए नोट्स और अन्य देनदारियों के कारण देनदारी बढ़ी है।  31 मार्च, 2022 को कुल संपत्तियों में घरेलू संपत्तियों की हिस्सेदारी 28.22 प्रतिशत है, जबकि विदेशी मुद्रा संपत्तियों और सोने (इसमें भारत में जमा सोना औऱ रोका गया सोना शामिल) की हिस्सेदारी 71.78 प्रतिशत है।

First Published - May 28, 2022 | 12:21 AM IST

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