भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकिंग व्यवस्था से अतिरिक्त नकदी निकालने के लिए ओपन मार्केट ऑपरेशन (OMO) के तहत जुलाई में 11,675 करोड़ रुपये की सरकार की प्रतिभूतियों की बिक्री की। रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों से यह सामने आया है।
ओपन मार्केट ऑपरेशन स्क्रीन आधारित थे, इसलिए सरकारी प्रतिभूतियों (securities) को बेचने के लिए किसी औपचारिक नीलामी का आयोजन नहीं किया गया। रिजर्व बैंक ओएमओ के माध्यम से सरकार की प्रतिभूतियों की खरीद या बिक्री करता है।
केंद्रीय बैंक ने जून महीने में किसी ओपन मार्केट ऑपरेशन का परिचालन नहीं किया। जुलाई के दौरान बैंकिंग व्यवस्था में नकदी व्यापक तौर पर अतिरिक्त बनी रही। अगस्त के पहले सप्ताह में अतिरिक्त नकदी 3 लाख करोड़ रुपये थी। रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक उसके बाद गुरुवार को अतिरिक्त नकदी घटकर 1.78 लाख करोड़ रुपये रह गई।
राज्य व केंद्र सरकारों द्वारा बजट के बाद खर्च बढ़ने के कारण नकदी की स्थिति में सुधार हुआ है।
बैंकिंग व्यवस्था से अतिरिक्त नकदी निकालने का मतलब यह होगा कि ओवरनाइट रेट में गिरावट नहीं आएगी। प्रमुख महंगाई लक्ष्य के ऊपर है, जिसे देखते हुए केंद्रीय बैंक इस समय सख्त मौद्रिक नीति बरकरार रखे हुए है। खासकर खाद्य वस्तुएं महंगी हैं।
एसबीआई कैप्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हमारा मानना है कि रिजर्व बैंक सावधानीपूर्वक नकदी का प्रबंधन जारी रखेगा, जैसा कि कई साल से उच्च वैरिएबल रेट रिवर्स रीपो (VRRR) नीलामी के साथ शुद्ध ओएमओ बिक्री से पता चलता है। वहीं उसका यह भी मानना है कि बैंकिंग व्यवस्था की नकदी उच्च गुणवत्ता वाली बनाए रखने की जरूरत है। डिजिटल बैंकिंग के दौर में एलसीआर फ्रेमवर्क मजबूत करने के हाल के मसौदा प्रस्ताव से इसके संकेत मिलते हैं।’
OMO बिक्री के साथ रिजर्व बैंक VRRR नीलामियों का भी आयोजन कर रहा है, जिससे अतिरिक्त नकदी निकाली जा सके।
शुक्रवार को हुई 14 दिन की वीआरआरआर नीलामी में 1 लाख करोड़ रुपये अधिसूचित राशि की जगह बैंकों ने 14,954 करोड़ रुपये जमा किए हैं। 3 दिन की वीआरआरआर नीलामी में बैंकों ने 45,236 करोड़ रुपये जमा किए, जबकि अधिसूचित राशि 75,000 करोड़ रुपये थी।
बाजार के हिस्सेदार उम्मीद कर रहे हैं कि रिजर्व बैंक छोटी राशियों में ओएमओ बिक्री जारी रखेगा।
इक्विरस कैपिटल में फिक्स्ड इनकम के प्रमुक विनय पई ने कहा, ‘खाद्य महंगाई ऊपरी सीमा पर है। यह लंबे समय तक बहुत अधिक रहने जा रहा है। ऐसे में यह संभव है कि बैंकिंग से नकदी हटाई जाए। जब तक नकदी आरामदायक स्थिति में नहीं पहुंच जाती है, तब तक वे छोटी राशियों में ओएमओ बिक्री का आयोजन करते रह सकते हैं।’
मौद्रिक नीति समिति ने तिमाही आधार पर महंगाई के अनुमान में वृद्धि करते हुए दूसरी तिमाही में 4.4 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.7 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.3 प्रतिशत महंगाई दर रहने का अनुमान लगाया है। इसके पहले दूसरी तिमाही में 3.8 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.5 प्रतिशत महंगाई दर रहने का अनुमान लगाया था।
अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में महंगाई दर 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान था। घरेलू दर तय करने वाली समिति ने पिछले सप्ताह हुई अगस्त की बैठक में वित्त वर्ष 2025 में महंगाई दर 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जो जून के अनुमान के बराबर ही है।