facebookmetapixel
Swiggy जुटाएगी ₹10 हजार करोड़: QIP- प्राइवेट ऑफरिंग से होगी फंडिंग, जेप्टो से टक्कर के बीच बड़ा कदमसरकारी कर्मचारी दें ध्यान! अगर UPS अपना रहे हैं तो VRS को लेकर क्या है नियम? जानें सबकुछMarket This Week: ट्रेड डील की उम्मीदों पर भारी FII बिकवाली, सेंसेक्स-निफ्टी 1% फिसले; निवेशकों के ₹4.74 लाख करोड़ डूबेक्या आप अपना हेल्थ इंश्योरेंस पोर्ट करने जा रहे हैं? करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी!8th Pay Commission: सिर्फ सैलरी ही नहीं; बोनस, ग्रेच्युटी और कई अन्य भत्तों में भी हो सकती है बढ़ोतरी!सिंगटेल ने भारती एयरटेल में 0.8% हिस्सेदारी बेची, करीब 1.2 अरब डॉलर का सौदाAI Stocks में आई गिरावट: क्या फूटा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बुलबुला? जानिए पूरा मामलाPhysicsWallah IPO: कमाई 4 गुना बढ़ी, पर घाटा भी बड़ा! क्या निवेश करना फायदेमंद रहेगा?Groww की एंट्री से से पहले इन 5 Brokerage Stocks में दिख रहे हैं तगड़े मूव्स, चेक करें चार्ट₹500 से बजाज फिनसर्व एएमसी के नए फंड में शुरू कर सकते हैं निवेश; कब खुल रहा ऑफर, क्या है स्ट्रैटेजी?

बैंक बोर्डों पर काम का बोझ कम करे नियामक

निजी क्षेत्र के बैंक बोर्डों के निदेशकों ने ‘साउंड बोर्ड्स के माध्यम से परिवर्तनकारी प्रशासन’ विषय पर एक सम्मेलन में बैंकिंग नियामक से यह आग्रह किया।

Last Updated- November 18, 2024 | 10:40 PM IST
RBI

निजी क्षेत्र के बैंक बोर्ड के सदस्यों ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के शीर्ष अधिकारियों से बोर्ड पर काम के बोझ को कम करने पर विचार करने का आग्रह किया है। असल में बोर्ड को लगता है कि बहुत सारे मुद्दे हैं जो मंजूरी के लिए बोर्ड के पास जाते हैं और कई बार स्थिति बेकाबू हो जाती है।

निजी क्षेत्र के बैंक बोर्डों के निदेशकों ने ‘साउंड बोर्ड्स के माध्यम से परिवर्तनकारी प्रशासन’ विषय पर एक सम्मेलन में बैंकिंग नियामक से यह
आग्रह किया। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास, डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे और एम राजेश्वर राव तथा केंद्रीय बैंक के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने इस सम्मेलन में शिरकत की।

निजी क्षेत्र के बैंक के एक बोर्ड सदस्य ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किए जाने वाले एजेंडे पर नए सिरे से विचार करने की आवश्यकता है। यह असहनीय होता जा रहा है क्योंकि काफी सारी चीजें अनुमोदन के लिए बोर्ड के पास जाती हैं।’

नियामक ने एक सुदृढ़ संचालन ढांचा बनाए रखने की जिम्मेदारी बैंकों के बोर्डों पर डाली है। सम्मेलन को संबोधित करते हुए शक्तिकांत दास ने संभावित चुनौतियों की पहचान करने और उनसे निपटने के लिए बोर्डों को सक्रिय नजरिया अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

पिछले साल नियामक ने लघु वित्त बैंकों सहित निजी बैंकों के बोर्ड में कम से कम दो पूर्णकालिक निदेशकों को नियुक्त करना अनिवार्य कर दिया था। अधिकतर निजी बैंकों ने मानक का अनुपालन कर लिया है।

सम्मेलन में उपस्थित बैंकरों के अनुसार साइबर सुरक्षा नियामक के लिए अभी भी बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है। आरबीआई ने बैंकों से साइबर सुरक्षा से संबंधित मुद्दों के लिए पर्याप्त संसाधन आवंटित करने के लिए कहा है। एक अन्य बैंकर ने कहा, ‘नियामक ने बैंकों से कहा कि वे आउटसोर्स संस्थाओं पर नजर रखें ताकि वे जोखिम का कारण न बनें।’

सम्मेलन में निजी क्षेत्र के बैंकों के चेयरमैन और प्रबंध निदेशकों तथा मुख्य कार्याधिकारियों सहित 200 से ज्यादा निदेशकों ने हिस्सा लिया। अपेक्षित ऋण हानि ढांचे के मसले पर बैंकरों ने कहा कि आरबीआई ने संकेत दिया है कि इस पर जल्द ही मसौदा मानदंड आएंगे और उस पर प्रतिक्रिया के आधार पर अंतिम दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे। जनवरी 2023 में इस पर परिचर्चा पत्र जारी किया गया था और पिछले साल अक्टूबर में बाहरी कार्यसमूह का गठन किया गया था।

First Published - November 18, 2024 | 10:38 PM IST

संबंधित पोस्ट