निजी क्षेत्र का आरबीएल बैंक मैपल बीवी (बेरिंग्स प्राइवेट इक्विटी एशिया की सहायक), आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ समेत संस्थागत निवेशकों को तरजीही आधार पर इक्विटी शेयर जारी कर 1,566 करोड़ रुपये जुटाएगा। निदेशक मंडल ने 177 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से 8.84 करोड़ शेयर आवंटित करने की योजना को मंजूरी दे दी है। बैंक ने बीएसई को भेजी सूचना में ये बातें कही है।
बीएसई पर बैंक का शेयर 182.95 रुपये पर करीब-करीब स्थिर कारोबार कर रहा था।
नई इक्विटी जारी होने के बाद बैंक का पूंजी पर्याप्तता अनुपात बढ़कर 18.6 फीसदी हो जाएगा जबकि कॉमन इक्विटी टियर-1, 17.4 फीसदी। बैंक ने बीएसई को यह जानकारी दी है। जून 2020 के आखिर में 16.35 फीसदी के पूंजी पर्याप्तता अनुपात के साथ बैंक सहज स्थिति में थी और सीईटी अनुपात 15.2 फीसदी था। चौथी तिमाही के नतीजे की घोषणा के बाद विश्लेषकों से बातचीत में बैंक ने कहा था कि वह वित्त वर्ष 2021 में सीईटी-1 को 15 फीसदी के आसपास लाना सुनिश्चित करेगा, जो मजबूत पूंजी पर्याप्तता अनुपात यानी नियामकीय अनिवार्यता 9.5 फीसदी से ज्यादा है।
आवंटन के बाद मैपल बीवी के पास इस बैंक की 9.45 फीसदी हिस्सेदारी हो जाएगी जबकि मल्टीलेटरल डेवलपमेंट फाइनैंंशियल इंस्टिट््यूशन सीजीसी समूह के पास 5.5 फीसदी, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ के पास 3.13 फीसदी और गाजा कैपिटल फंड-2 के पास 1.35 फीसदी हिस्सेदारी होगी।
वित्त वर्ष 2019-20 में बैंक ने 2,775.87 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाई थी। उसने 351 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से 2,025.27 करोड़ रुपये जुटाने के लिए 5.77 करोड़ शेयरों का पात्र संस्थागत नियोजन किया था। इसके अलावा 1.98 करोड़ शेयर 340 रुपये के भाव पर जारी कर 675.8 करोड़ रुपये जुटाए थे।
इंडियन ओवरसीज बैंक को लाभ
इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) ने 30 जून 2020 को समाप्त तिमाही के दौरान 124.63 करोड़ रुपये का कर पूर्व लाभ दर्ज किया है। जबकि एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी ने 329.66 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया था। बैंक ने कहा कि अब उसके एनपीए में कमी आई है और अब वह मुनाफा भी कमाने लगा है। इसलिए बैंक अब पीसीए के दायरे से बाहर आने की स्थिति में है। तिमाही के दौरान बैंक का परिचालन लाभ 1,094 करोड़ रुपये रहा जबकि 30 जून 2019 को समाप्त तिमाही के दौरान उसने 828.15 करोड़ रुपये का परिचालन लाभ दर्ज किया था। बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी पार्थ प्रतिम सेनगुप्ता ने कहा कि ट्रेजरी लाभ, निवेश पर ब्याज में वृद्धि और ब्याज मद में खर्च घटने से मुनाफे को बल मिला। बीएस