भारतीय रिजर्व बैंक ने निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंक कोटक महिंद्रा बैंक पर पाबंदी लगाते हुए आज उसे ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग के जरिये नए ग्राहक जोड़ने से रोक दिया। रिजर्व बैंक ने कोटक महिंद्रा बैंक को नए क्रेडिट कार्ड जारी करने से भी रोक दिया है।
बैंकिंग नियामक ने कहा कि कोटक महिंद्रा बैंक अपनी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) प्रणालियों में मौजूद खामियां दूर नहीं कर पाया। इसीलिए उस पर पाबंदी लगाई गई हैं। रिजर्व बैंक ने कहा कि पिछले दो साल में बैंक का कोर बैंकिंग सिस्टम और ऑनलाइन व्यवस्थाएं कई बार ठप पड़ीं। इसके कारण ग्राहकों को बहुत परेशानी भी हुई।
मगर रिजर्व बैंक ने साफ किया कि बैंक अपने मौजूदा ग्राहकों को सेवाएं देना जारी रख सकता है। इसमें क्रेडिट कार्ड ग्राहक भी शामिल हैं। अब कोटक बैंक नियामक से मंजूरी लेकर अपनी पूरी प्रणाली का ऑडिट यानी जांच किसी बाहरी एजेंसी से कराएगा। उस जांच में जो भी खामियां बताई जाएंगी और रिजर्व बैंक के मुआयने में जो भी दिक्कतें सामने आएंगी, उन सभी को दूर करना होगा और जब रिजर्व बैंक इस कवायद से पूरी तरह संतुष्ट हो जाएगा, तब पाबंदियों पर पुनर्विचार किया जाएगा।
रिजर्व बैंक ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘ये कार्रवाई जरूरी थी क्योंकि 2022 और 2023 में आरबीआई द्वारा बैंक की आईटी प्रणाली की जांच में गंभीर चिंता सामने आई थीं। साथ ही बैंक उन चिंताओं को पूरी तरह और समय से दूर करने में भी लगातार नाकाम हो रहा था।’
बैंकिंग नियामक के मुताबिक आईटी इन्वेंट्री प्रबंधन, पैच एवं चेंज मैनेजमेंट, यूजर एक्सेस मैनेजमेंट, वेंडर रिस्क मैनेजमेंट, डेटा सुरक्षा तथा डेटा लीक होने से रोकने की नीति, कारोबार को लगातार चलाने और आपदा से उबरने के तरीकों में बड़ी खामियां देखी गईं और अनुपालन की कमी भी सामने आई।
रिजर्व बैंक ने 2022 और 2023 के लिए जो सुधारात्मक कार्रवाई योजनाएं बनाई थीं, कोटक महिंद्रा बैंक उनका अनुपालन करने में काफी पीछे रहा क्योंकि बैंक ने जो ब्योरा पेश किया, उसके मुताबिक अनुपालन या तो नाकाफी रहा या गलत था या लगातार नहीं हुआ।
नियामक ने आगे कहा कि मजबूत आईटी ढांचे और आईटी जोखिम प्रबंधन व्यवस्था नहीं होने के कारण बैंक के कोर बैंकिंग सिस्टम (सीबीएस) और इसके ऑनलाइन तथा डिजिटल बैंकिंग माध्यमों को पिछले दो साल में बार-बार व्यवधान का सामना करना पड़ा है। इसी 15 अप्रैल को भी सेवाएं ठप पड़ने के कारण ग्राहकों को काफी परेशानी उठानी पड़ी।
नियामक ने विज्ञप्ति में कहा, ‘बैंक का कारोबार जिस तरह बढ़ा है, वह अपने कामकाज को उसके हिसाब से मजबूत बनाने में और आईटी प्रणाली तथा नियंत्रण व्यवस्था तैयार करने में खासा नाकाम रहा है।’ उसने कहा कि बैंक के आईटी ढांचे को मजबूत बनाने के मकसद से वह पिछले दो साल से इन सभी मसलों पर बैंक के साथ उच्च स्तर पर काम कर रहा है मगर उसके नतीजे संतोषजनक नहीं रहे।
रिजर्व बैंक की कार्रवाई के बाद कोटक महिंद्रा बैंक ने एक बयान में कहा, ‘हमें भारतीय रिजर्व बैंक से आदेश मिला है, जिसमें हमें ऑनलाइन तथा मोबाइल बैंकिंग के जरिये नए ग्राहक जोड़ना और नए क्रेडिट कार्ड जारी करना फिलहाल रोकने को कहा गया है। बैंक ने अपनी आईटी प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए नई तकनीक अपनाने के उपाय किए हैं और बची हुई समस्याएं जल्द से जल्द खत्म करने के लिए हम रिजर्व बैंक के साथ काम करते रहेंगे। हम अपने मौजूदा ग्राहकों को भरोसा दिलाते हैं कि क्रेडिट कार्ड, मोबाइल और नेट बैंकिंग की हमारी सेवाएं बिना रुकावट चलती रहेंगी। हम अपनी शाखाओं पर नए ग्राहकों का स्वागत करते रहेंगे और उन्हें जोड़ते रहेंगे। साथ ही हम नए क्रेडिट कार्ड को छोड़कर बाकी सभी सेवाएं उन्हें देते रहेंगे।’
नियामक के अनुसार बैंक के क्रेडिट कार्ड पर होने वाले लेनदेन समेत डिजिटल लेनदेन की मात्रा तेजी से बढ़ी है, जिससे उसकी आईटी प्रणालियों पर बोझ बढ़ रहा है। रिजर्व बैंक ने कहा कि कामकाज पर पाबंदी लगाने का फैसला ग्राहकों के हित में और बैंक का काम लंबे समय तक ठप होने से रोकने के लिए किया गया है क्योंकि कामकाज में लंबे व्यवधान से ग्राहकों को सेवा देने की बैंक की क्षमता प्रभावित होगी और डिजिटल बैंकिंग तथा भुगतान की वित्तीय व्यवस्था भी चरमरा जाएगी।
(डिस्क्लेमर: कोटक समूह के नियंत्रण वाली इकाइयों की बिज़नेस स्टैंडर्ड प्राइवेट लिमिटेड में बड़ी हिस्सेदारी है)