वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) और रुपे कार्ड के जरिये डिजिटल भुगतान को लोकप्रिय बनाने में भारत की सफलता ने अन्य देशों को स्वदेश निर्मित भुगतान स्टैक में दिलचस्पी दिखाई है।
मुंबई में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2022 में उन्होंने कहा कि आज फ्रांस की लायरा, सिंगापुर और भूटान तथा कई अन्य देश रुपे कार्ड और संपूर्ण यूपीआई के इस्तेमाल पर विचार कर रहे हैं। इंडिस्टैक, खास तौर पर भुगतान स्टैक को फी अच्छी पहचान मिली है और लोग भारत के साथ अपने विचार साझा करना चाहते हैं।
भारत अपने बनाए गए स्टैक का लाभ उठाने के लिए कई देशों तक पहुंच रहा है ताकि इसका व्यापक स्तर पर सार्वजनिक भलाई के लिए इस्तेमाल किया जा सके।
पिछले दो साल में यूपीआई में इजाफा हुआ है, जिसे देश में डिजिटल भुगतान का साधन बनाने में महामारी ने से प्रोत्साहन मिला। वर्ष 2021 में इसने 940 अरब डॉलर का मूल्य हासिल किया, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 30 प्रतिशत के बराबर है। वर्ष 2016 में इसकी शुरुआत के बाद पांच साल में यूपीआई की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) 160 प्रतिशत रही है। जुलाई 2022 तक यूपीआई प्लेटफॉर्म पर 338 बैंक सक्रिय थे।
अगस्त में यूपीआई ने 10.72 लाख करोड़ रुपये के 6.57 अरब लेनदेन दर्ज किए, जो मात्रा और मूल्य के लिहाज से एक रिकॉर्ड है।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम का उल्लेख करते हुए सीतारमण ने कहा कि एनपीसीआई अन्य देशों को उनकी अपनी भुगतान प्रणाली के निर्माण में मदद करते हुए यूपीआई को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जा रहा है।