वित्तीय कंपनियों द्वारा दिया जाने वाला कर्ज वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही में आधार के असर और ब्याज दरों में बढ़ोतरी के कारण घट गया था। एक एनबीएफसी से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दर में स्थिरता और मांग को बल मिलने के कारण इसमें आने वाले महीनों में तेजी आने की संभावना है।
कर्ज देने की रफ्तार कम होने के बावजूद वित्त वर्ष 23 में कर्ज में तेजी बनी रही है। साथ ही चालू वित्त वर्ष के शुरुआती दो महीनों में भी कर्ज की रफ्तार अच्छी है।
फाइनैंस इंडस्ट्री डेवलपमेंट काउंसिल (एफआईडीसी) और सीआरआईएफ के आंकड़ों से पता चलता है कि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) द्वारा दिया गया कर्ज वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में महज 2 प्रतिशत बढ़कर 4.46 लाख करोड़ रुपये हुआ है।
वित्त वर्ष 22 की चौथी तिमाही में एनबीएफसी द्वारा दिए गए कर्ज में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 28.36 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। सीआरआईएफ क्रेडिट ब्यूरो है, जो एफआईडीसी के साथ मिलकर विश्लेषण का काम करता है।