वित्त कंपनियों ने वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में वाहन ऋणों, आवास ऋणों और एलएएस आदि श्रेणियों में वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही के मुकाबले 37.6 फीसदी की जबरदस्त उछाल दर्ज की है। इससे गतिविधि में धीरे धीरे तेजी आने के संकेत मिलते हैं। वित्त कंपनियों ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 1.24 लाख करोड़ रुपये के ऋण मंजूर किए हैं जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 90,615 करोड़ रुपये के ऋण मंजूरी किए थे।
हालांकि, वित्त उद्योग विकास परिषद (एफआईडीसी) के आंकड़ों के मुताबिक ऋण मंजूरी का यह पैमाना अब भी वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही से नीचे है जिससे पता चलता है कि सामान्य स्थिति बहाल होने में अभी वक्त लगेगा। वित्त कंपनियों ने अप्रैल से जून 2019 के दौरान 2.38 लाख करोड़ रुपये के ऋण मंजूर किए थे।
एफआईडीसी ने कहा कि कम आधार के कारण ही वित्त वर्ष 2021 के रुझान से तुलना आकर्षक नजर आ रही है। इससे क्षेत्र में वृद्घि का संकेत नहीं मिलता है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में महामारी के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए लगाए गए रोकथाम 2020 में अप्रैल से जून के दौरान लगाए गए रोकथाम जितने कड़े नहीं थे। पिछले वर्ष उस अवधि के दौरान आर्थिक गतिविधि लगभग पूरी तरह से ठहर गई थी।
2022 के अप्रैल से जून की अवधि में वाहन खरीदने के लिए व्यक्तियों को दिए जाने वाले ऋणों में जबरदस्त वापसी दर्ज की गई। इस वर्ष पहली तिमाही में 8,378 करोड़ रुपये के ऋण दिए गए जो पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान दिए गए 3,252 करोड़ रुपये के ऋण से 157.6 फीसदी अधिक है। महामारी पूर्व इस गतिवधि का स्तर कहीं अधिक था जब अप्रैल से जून 2019 के दौरान 14,863 करोड़ रुपये के ऋण मंजूर किए गए थे।
आवास ऋण खंड में भी मजबूत कारोबार नजर आया। इस खंड में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के मुकाबले ऋण मंजूरी में 150 फीसदी उछाल दर्ज की गई। वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में 34,925 करोड़ रुपये के ऋण मंजूर किए गए जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में 13,943 करोड़ रुपये के त्रण मंजूर किए गए थे।
एनबीएकफसी कार्यकारियों ने कहा कि कि शुल्कों में कई सारे छूटों, कम ब्याज दरों और प्रोसेसिंग शुल्क में छूट और कीमतों में छूट ने भी आवास ऋणों की मांग में योगदान दिया है। 2019 में अप्रैल से जून के दौरान 52,577 करोड़ रुपये के ऋण मंजूर किए गए थे। शेयर के बदले मंजूर किया गया ऋण (एलएएस) वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही के 461 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में 1,334 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।