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कोटक महिंद्रा बैंक का समायोजित शुद्ध लाभ पहली तिमाही में 1% बढ़कर ₹4,472 करोड़ हुआ

कोटक महिंद्रा बैंक ने Q1FY26 में 40% कम शुद्ध मुनाफा दर्ज किया, स्लिपेज और प्रावधान बढ़े, जबकि NIM और एसेट क्वालिटी में भी कमजोरी देखने को मिली।

Last Updated- July 26, 2025 | 5:36 PM IST
Kotak Mahindra Bank
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

कोटक महिंद्रा बैंक ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में अपने शुद्ध मुनाफे में 40 फीसदी की बड़ी गिरावट दर्ज की है। इस तिमाही में बैंक का समेकित मुनाफा 4,472.18 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में यह 7,448.16 करोड़ रुपये था। इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह पिछले साल बैंक की सहायक कंपनी कोटक महिंद्रा जनरल इंश्योरेंस कंपनी (KGI) में 70 फीसदी हिस्सेदारी बेचने से मिला 3,013 करोड़ रुपये का लाभ है, जो इस बार नहीं था। इसके अलावा, बढ़ते फंसे कर्ज (स्लिपेज) और प्रावधानों में बढ़ोतरी ने भी मुनाफे पर असर डाला।

हालांकि, अगर KGI की हिस्सेदारी बिक्री से मिले लाभ को हटा दें, तो समेकित मुनाफा पिछले साल की तुलना में 1 फीसदी बढ़कर 4,472 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल 4,435 करोड़ रुपये था। बैंक समूह की कुल प्रबंधनाधीन संपत्ति (AUM) 18 फीसदी बढ़कर 7.50 लाख करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले साल 6.36 लाख करोड़ रुपये थी।

Also Read: FY26 की पहली तिमाही में धीमी रही लोन ग्रोथ, बड़े प्राइवेट बैंकों की रिपोर्ट

स्टैंडअलोन मुनाफे में भी कमी, NPA बढ़ा

बैंक के स्टैंडअलोन रिजल्ट, जो केवल बैंकिंग कारोबार को दिखाते है, में भी मुनाफे में कमी देखी गई। KGI हिस्सेदारी बिक्री के लाभ को हटाने के बाद स्टैंडअलोन मुनाफा 6.8 फीसदी गिरकर 3,282 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल 3,520 करोड़ रुपये था। बैंक की शुद्ध ब्याज आय (NII) 6 फीसदी बढ़कर 7,259 करोड़ रुपये हो गई, जबकि अन्य आय में 5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और यह 3,080 करोड़ रुपये रही।

बैंक का शुद्ध ब्याज मार्जिन (NIM), जो बैंक की लाभप्रदता का एक महत्वपूर्ण मापदंड है, इस तिमाही में 4.65 फीसदी रहा, जो पिछले साल की समान तिमाही में 5.02 फीसदी था। इस दौरान बैंक के नए स्लिपेज 1,812 करोड़ रुपये रहे, जो पिछले साल की तुलना में 33 फीसदी और पिछली तिमाही की तुलना में 22 फीसदी ज्यादा हैं। इसके चलते प्रावधान और आकस्मिक खर्च 100 फीसदी से ज्यादा बढ़कर 1,208 करोड़ रुपये हो गए, जो पिछले साल 578 करोड़ रुपये थे। पिछली तिमाही (Q4FY25) में यह 909 करोड़ रुपये था।

बैंक की परिसंपत्ति गुणवत्ता भी इस तिमाही में खराब हुई। सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) अनुपात 1.48 फीसदी रहा, जो पिछली तिमाही से 6 आधार अंक ज्यादा है। शुद्ध NPA अनुपात भी 3 आधार अंक बढ़कर 0.34 फीसदी हो गया। क्रेडिट कॉस्ट, जो कर्ज की लागत को दर्शाता है, 0.93 फीसदी रहा, जो पिछले साल 0.55 फीसदी और पिछली तिमाही में 0.64 फीसदी था।

बैंक के सकल अग्रिम 13 फीसदी बढ़कर 4.59 लाख करोड़ रुपये हो गए, जिसमें होम लोन 19 फीसदी बढ़कर 1.32 लाख करोड़ रुपये और कॉरपोरेट बैंकिंग 10 फीसदी बढ़कर 1.03 लाख करोड़ रुपये रही। हालांकि, क्रेडिट कार्ड सेगमेंट में 12 फीसदी की गिरावट देखी गई और यह 12,924 करोड़ रुपये रहा। कुल शुद्ध अग्रिम 14 फीसदी बढ़कर 4.45 लाख करोड़ रुपये हो गए।

जमा राशि में 13 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और यह 4.92 लाख करोड़ रुपये रही, जिसमें टर्म डिपॉजिट 19 फीसदी बढ़कर 3 लाख करोड़ रुपये हो गए। हालांकि, CASA अनुपात 40.9 फीसदी रहा, जो पिछले साल 43.4 फीसदी और पिछली तिमाही में 43 फीसदी था। बैंक का क्रेडिट-टू-डिपॉजिट अनुपात 86.7 फीसदी रहा। पूंजी पर्याप्तता अनुपात 60 आधार अंक सुधरकर 23 फीसदी हो गया, जिसमें CET1 अनुपात 21.8 फीसदी रहा।

(डिस्क्लेमर: बिज़नेस स्टैंडर्ड प्राइवेट लिमिटेड में कोटक परिवार के नियंत्रण वाली इकाइयों की बड़ी हिस्सेदारी है)

First Published - July 26, 2025 | 5:32 PM IST

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