वैश्विक मंदी के इस दौर में एक ओर कर्मचारियों की छंटनी की खबरें मिल रही हैं, वहीं दूसरी ओर भारतीय बैंकों में बड़े पैमाने पर भर्तियां होने जा रही हैं।
निजी बैंकों से मिलती चुनौती और मौजूदा कर्मचारियों की उम्र ज्यादा होने के कारण सरकारी बैंकों ने अगले दो साल में बड़े स्तर पर नियुक्तियों की योजना बनाई हैं। अनुमानों के मुताबिक सरकारी बैंकों के करीब 5 फीसद कर्मचारी चालू वित्त वर्ष के दौरान सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
अगले वर्ष में यह आंकड़ा बढ़कर 12 फीसद तक पहुंच जाएगा और वित्त वर्ष 2010-11 में तकरीबन 20 फीसद कर्मचारी सेवानिवृत्त होंगे। बैंकों में भर्तियों के बारे में भारतीय बैंक बोर्ड के निदेशक एम एन गोपीनाथन ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के दौरान तकरीबन 30,000 कर्मचारियों को नियुक्त किया जा चुका है।
अगले कुछ महीनों में कम से कम 10,000 कर्मचारियों की नियुक्तियां की जानी हैं। बैंक कर्मचारी चयन संस्थान के निदेशक एम बालचंद्रन मानते हैं कि भारत में व्यावसायिक बैंकों पर आर्थिक मंदी का असर पड़ने का अंदेशा काफी कम है।
उनका कहना हैकि कारोबार विस्तार और सेवानिवृत्ति की समस्या से निपटने के लिए नियुक्तियों में मंदी के कारण कमी आने की गुंजाइश नहीं है। भारतीय स्टेट बैंक चालू वित्त वर्ष के दौरान 30,000 कर्मचारी नियुक्त करेगा। इनमें से 20,000 नियुक्तियों के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।