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‘इंडसइंड जैसी घटनाएं विफलता नही’

पिछले महीने इंडसइंड बैंक ने शेयर बाजार को बताया था कि उसके डेरेवेटिव पोर्टफोलियो से संबंधित प्रक्रियाओं की आंतरिक समीक्षा में कुछ विसंगतिया मिली हैं

Last Updated- April 09, 2025 | 11:43 PM IST
IndusInd bank

इंडसइंड बैंक या न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक की घटनाओं को विफलता नहीं कहा जाना चाहिए। इसके बजाय उन्हें ऐसी घटनाओं के तौर पर देखा जाना चाहिए जो वित्तीय प्रणाली में हो सकती है जिसमें बड़ी संख्या में भागीदार शामिल हैं। ये बातें भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने आज कही। उन्होंने आश्वस्त किया कि कुल मिलाकर भारत की वित्तीय प्रणाली मजबूत बनी हुई है।

मौद्रिक नीति के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में मल्होत्रा ने कहा, ‘मैं इसे पूरी तरह विफलता नहीं कहूंगा। ये घटनाएं हैं और हमें अलग-अलग तरीकों से यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी घटनाएं कम हों। हमारे पास नियमन, निगरानी जैसे कई उपाय हैं। बैंक के पास भी कारोबार इकाई, अनुपाल और ऑडिट जैसे कई स्तर होते हैं। इसलिए सभी को मिल कर काम करना होगा और प्रणाली बेहतर करने के लिए लगातार प्रयास करने होंगे।’

उन्होंने आश्वस्त किया कि भारत की वित्तीय प्रणाली मजबूत बनी हुई है। भले ही वह सहकारी बैंक हों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) हों या अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक हों, प्रणाली स्तर पर वे सुरक्षित, संरक्षित और मजबूत हैं। उन्होंने कहा कि गैर अनुपालन और जोखिमों का जल्द से जल्द पता लगाने के लिए रिजर्व बैंक के पास अच्छी प्रणालियां हैं और जहां भी जरूरत होती है, हम सुधार की कार्रवाई करते हैं।

मल्होत्रा ने इस बात पर जोर दिया कि बैंकिंग क्षेत्र की वित्तीय सुदृढ़ता के मापदंड मजबूत बने हुए हैं। प्रणाली में नकदी का स्तर नियामक की सीमा से काफी अधिक है और लाभप्रदता के संकेतक भी अच्छे हैं जो प्रणाली की मजबूत परिचालन दक्षता दर्शाते हैं। इसी तरह गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के सिस्टम स्तरीय मापदंड भी मजबूत बने हुए हैं।

पिछले महीने इंडसइंड बैंक ने शेयर बाजार को बताया था कि उसके डेरेवेटिव पोर्टफोलियो से संबंधित प्रक्रियाओं की आंतरिक समीक्षा में कुछ विसंगतिया मिली हैं, जो इसके नेटवर्थ को 2.35 फीसदी तक प्रभावित कर रही हैं। विश्लेषकों का अनुमान है कि इससे बैंक के लाभ पर 1,500 से 2,000 करोड़ रुपये तक चोट पहुंचेगी।

बैंक ने आंतरिक निष्कर्षों की स्वतंत्र समीक्षा और सत्यापन के लिए पीडब्ल्यूसी जैसी बाहरी एजेंसी को नियुक्त किया है। बैंक ने अपने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में विसंगतियों के मूल कारण को जानने और उसकी व्यापक जांच कराने के लिए स्वतंत्र पेशेवर फर्म की सेवाएं ली हैं। इन उथल पुथल के बीच रिजर्व बैंक को बैंक से जुड़ी अटकलों को लेकर बयान तक जारी करना पड़ा था। रिजर्व बैंक ने बैंक के जमाकर्ताओं को आश्वासन दिया था कि वे इन अटकलों पर ध्यान न दें क्योंकि बैंक की वित्तीय स्थिति मजबूत है और केंद्रीय बैंक इस पर कड़ी निगरानी रख रहा है।

First Published - April 9, 2025 | 11:43 PM IST

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