प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
निजी क्षेत्र के ऋणदाता इंडसइंड बैंक ने बुधवार को कहा कि उसके निदेशक मंडल ने डेट एवं इक्विटी के जरिये 30,000 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी दे दी है। बोर्ड ने प्रवर्तकों को 2 निदेशकों को नामित करने की भी अनुमति दी है जो भारतीय रिजर्व बैंक और शेयरधारकों की मंजूरी पर निर्भर करेगा।
बैंक ने स्टॉक एक्सचेंज दी जानकारी में कहा कि उसके निदेशक मंडल ने रिजर्व बैंक की मंजूरी के साथ आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन में संशोधनों को मंजूरी दी है। इससे प्रवर्तकों को बोर्ड में दो निदेशकों तक को नामित करने का अधिकार मिलता है। मगर यह शेयरधारकों की मंजूरी पर निर्भर करेगा।
फिलहाल इंडसइंड बैंक के बोर्ड में प्रवर्तकों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। बोर्ड में केवल गैर-कार्यकारी निदेशक शामिल हैं क्योंकि एमडी एवं सीईओ और डिप्टी सीईओ ने अप्रैल में लेखांकन चूक की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था।
इंडसइंड बैंक इंडसइंड इंटरनैशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (आईआईएचएल) और इंडसइंड लिमिटेड के जरिये हिंदुजा द्वारा प्रवर्तित है। बैंक में इन दोनों कंपनियों की कुल हिस्सेदारी 15.82 फीसदी है। बैंक में अपनी हिस्सेदारी 26 फीसदी तक बढ़ाने के लिए आईआईएचएल को मार्च 2023 में रिजर्व बैंक से सैद्धांतिक मंजूरी मिली थी। बैंक के प्रवर्तक अशोक हिंदुजा ने इसी साल मार्च में कहा था कि वह जरूरत पड़ने पर बैंक में पूंजी डालने के लिए तैयार हैं। उसी दौरान बैंक ने खुलासा किया था कि उसे डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में खामियां मिली हैं जिनके कारण 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होगा। मगर बैंक की पूंजी पर्याप्तता बेहतर होने के कारण हिंदुजा ने जोर देकर कहा था कि तत्काल बैंक को पूंजी की जरूरत नहीं है और उसने अतिरिक्त पूंजी भी नहीं मांगी है।
मार्च 2025 तक इंडसइंड बैंक का पूंजी बनाम जोखिम (भारित) संपत्ति अनुपात (सीआरएआर) 16.24 फीसदी था। प्रावधान मद की रकम बढ़ने के कारण वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में बैंक को 2,329 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ।
अप्रैल में बैंक के एमडी एवं सीईओ सुमंत कठपालिया और डिप्टी सीईओ अरुण खुराना ने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में 1,960 करोड़ रुपये के नुकसान की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था। बोर्ड ने 30 जून को रिजर्व बैंक को 3 नामों की एक सूची सौंपी है और अपने एमडी एवं सीईओ को नियुक्त करने के लिए मंजूरी मांगी है। इस बीच, बैंक ने कहा कि उसके बोर्ड ने निजी नियोजन के आधार पर अथवा अनुमति प्राप्त विदेशी मुद्रा के तहत डेट प्रतिभूतियों के जरिये 20,000 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी दे दी है। इसके अलावा वह प्रतिभूतियां जारी कर 10,000 करोड़ रुपये जुटाने की कोशिश करेगा।