वैश्विक अर्थव्यवस्था में आए मंदी के चक्रवात ने एक और जहां सबकी कमर तोड दी है वहीं बड़े औद्योगिक समूह समेत बहुराष्ट्रीय कंपनियां भी पूंजी की कमी से दम तोड़ती नजर आ रही है।
लेकिन इन सब चीज केबीच भी पंजाब नैशनल बैंक को इसमें अपने लिए नई संभावनाएं दिखाई देती है। पीएनबी के प्रमुख के सी चक्रवर्ती का मानना है कि इस मंदी में ऐसे लोग भी सार्वजनिक क्षेत्र की तरफ मदद के लिए रुख कर रहे हैं जिन्हें इस ओर आना कभी गवारा नहीं लगता था।
यह पूछे जाने पर कि क्या निजी क्षेत्र के बैंकों आईसीआईसीआई और एचडीएफसी से कारोबार करने में लोगों की दिलचस्पी कम हुई है, चक्रवर्ती ने कहा कि बिल्कुल लोग इस समय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग हमारे साथ कारोबार करने केलिए आ रहे हैं जो कभी हिचकते थे।
चक्रवर्ती ने कहा कि पहले लोग उनके बैंक अधिकारियों से कारोबार करने केबारे में बात भी नहीं करना चाहते थे। उनका कहना था कि सरकारी बैंक अक्षम होते हैं और इनकी बजाय हम विदेशी बैंकों से कारोबार करना ज्यादा पंसद करते हैं।
कॉर्पोरेट जगत को लेकर पीएनबी के कारोबार के बारे में पूछे जाने पर चक्रवर्ती ने कहा कि मैं इसकेबारे में कोई खुलासा करना उचित नहीं समझता हूं। उन्होंने कहा कि आप देख सकते हैं कि हमारे क्रेडिट की विकास दर 30 फीसदी के करीब है।
कारोबार को लेकर विश्वास में कमी आने को लेकर उन्होंने कहा कि इसमें कुछ कमी आ सकती है लेकिन इसका यह मतलब कतई नहीं निकाला जा सकता कि हमारे क्रेडिट में कोई कमी आएगी।
उनके अनुसार आनेवाले समय में कॉर्पोरेट जगत को और अधिक फंड की जरूरत पड़ेगी क्योंकि आगे कारोबारी चक्र अधिक लंबी अवधि का हो सकता है।
उन्होंने कहा कि कारोबारी नजरिये से मुझे नहीं लगता कि कोई परेशानी है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि प्रॉफिट मार्जिन में कमी आ सकती है। चक्रवर्ती ने कहा कि इस कठिन कारोबारी माहौल में जो ज्यादा जोखिम उठाने को तैयार हैं, उनके बेहतर करने की संभावना अधिक होगी।
मुनाफा बढ़ने का भरोसा
चक्रवर्ती ने शेयरों में पैसा लगा कर जल्दबाजी में धन कमाने के विचार को ‘जुआ’ बताते हुए खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि चालू वित्त वर्ष में बैंक का मुनाफा 20 प्रतिशत बढ़ेगा। पूंजी बाजारों में गिरावट के बीच चालू वित्त वर्ष में बैंकों के प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने यह बात कही।