कोविड-19 के मामले बढऩे और राज्यों में लॉकडाउन की वजह से माइक्रो फाइनैंस इंस्टीट्यूशंस के संग्रह में अप्रैल महीने में 8-10 प्रतिशत की कमी आ सकती है। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने यह कहा है।
भारत का माइक्रोफाइनैंस उद्योग मार्च 2021 से कोविड-19 संक्रमण तेजी से बढऩे के कारण संग्रह में संभावित गिरावट की संभावाओं के बीच संपत्ति की गुणवत्ता को लेकर अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा है। लेकिन ठीकठाक नकदी बरकरार रहने के कारण ज्यादातर इकाइयां कुछ बेहतर स्थिति में हैं।
इक्रा में वाइस प्रेसीडेंट सचिन सचदेवा ने कहा कि कुछ राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने पहले ही लॉकडाउन लगा दिया है या लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा रखा है, जिससे कोरोनावायरस के प्रसार को रोका जा सके। इसकी वजह से आर्थिक गतिविधियों में व्यवधान आ रहा है और माइक्रो फाइनैंस इंस्टीट्यूशंस (एमएफआई) का फील्ड ऑपरेशन प्रभावित हुआ है।
इसके साथ ही उद्योग के संग्रह में कमी आ रही है और वित्त वर्ष 21 की चौथी तिमाही में जो रिकवरी आई थी, उसे एक बार फिर चुनौती मिल रही है।
