मर्जर के बाद बनने वाला HDFC Bank गुरुवार से आकार ले लेगा, वहीं उसकी मूल कंपनी हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनैंस कॉरपोरेशन (HDFC) का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। नई इकाई का बाजार पूंजीकरण (mcap) 12.5 लाख करोड़ रुपये होगा, जो उसे रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के बाद दूसरी सबसे मूल्यवान फर्म बना देगा। RIL का mcap अभी 18.5 लाख करोड़ रुपये है।
हालांकि ज्यादा फ्री-फ्लोट के कारण HDFC Bank बेंचमार्क निफ्टी व सेंसेक्स में सबसे ज्यादा वेटेज वाले RIL को पीछे धकेल देगा।
नुवामा के मुताबिक मर्जर के बाद बनने वाली इकाई का निफ्टी में 14.43 फीसदी वेटेज होगा, जो RIL के मुकाबले 363 आधार अंक ज्यादा होगा। बैंक निफ्टी इंडेक्स में HDFC Bank का वेटेज बढ़कर 29.1 फीसदी हो जाएगा।
HDFC के शेयरधारकों को मर्जर के बाद बनी इकाई के शेयर जारी होने में 10-12 दिन लग सकते हैं और तभी यह डीमैट में नजर आएगा। बाजार के प्रतिभागियों ने यह जानकारी दी। लेकिन इंडेक्स कंपोजिशन व ट्रेडिंग के लिहाज से HDFC Bank को गुरुवार से मर्जर के बाद बनने वाली इकाई के तौर पर माना जाएगा।
मर्जर के बाद बने HDFC Bank के 7.53 अरब शेयर होंगे। मर्जर के कारण HDFC के 1.85 अरब शेयर HDFC Bank के 3.1 अरब शेयरों के रूप में तब्दील किए जाएंगे। मूल कंपनी HDFC की HDFC Bank में शेयरधारिता समाप्त हो जाएगी।
150 अरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण (mcap) के साथ HDFC Bank वैश्विक स्तर पर चौथा और एशिया में दूसरा सबसे बड़ा मूल्यवान बैंक बन जाएगा।
साथ ही लेनदार देश में सबसे लाभकारी कॉरपोरेशन में से एक बन जाएगा। प्रो-फोर्मा के आधार पर मर्जर के बाद बने HDFC Bank का शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 23 में 60,348 करोड़ रुपये था। इस बीच, RIL ने वित्त वर्ष 23 में 66,702 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध लाभ दर्ज किया जबकि ICICI Bank ने 34,037 करोड़ रुपये।