वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान एचडीएफसी बैंक और ऐक्सिस बैंक जैसे निजी क्षेत्र के बड़े बैंकों में नौकरी छोड़कर जाने वाले कर्मचारियों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है। बैंकों के कर्मचारी जुड़ाव कार्यक्रमों और बेहतर प्रशिक्षण के कारण ऐसा संभव हो पाया है।
देश के निजी क्षेत्र के सबसे बड़े ऋणदाता एचडीएफसी बैंक में वित्त वर्ष 2024 में नौकरी छोड़कर जाने वाले 26.9 प्रतिशत से घटकर वित्त वर्ष 2025 में 22.6 प्रतिशत रह गए। वहीं ऐक्सिस बैंक में यह संख्या 28.8 प्रतिशत से घटकर 25.5 प्रतिशत रह गई। महामारी के बाद वित्त वर्ष 2023 में एचडीएफसी बैंक और ऐक्सिस बैंक में नौकरी छोड़ने वालों की संख्या 34.2 प्रतिशत और 34.8 प्रतिशत थी। हालांकि बैंकों ने तभी से ऐेसे कर्मचारियों को रोकने की कोशिश शुरू कर दी थी, जिसके परिणाम मिल रहे हैं।
एचडीएफसी बैंक ने कहा कि पिछले 24 महीनों में बैंक सभी स्तरों पर, विशेष रूप से नए कर्मचारियों और महिला कर्मचारियों के नौकरी छोड़कर जाने पर तेजी से ध्यान केंद्रित कर रहा है। बैंक ने कहा, ‘ इसकी वजह से समीक्षाधीन वर्ष में कुल मिलाकर नौकरी छोड़ने वालों और नए कर्मचारियों और महिला कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की दर कम रही है।’ बैंक ने कामकाज की स्थिति ठीक करने के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम ‘नर्चर, केयर ऐंड कोलॉबरेट’नाम से कार्यक्रम शुरू किया। एचडीएफसी बैंक में वित्त वर्ष 2025 के अंत तक कुल 214,521 कर्मचारी हैं, जिनमें से 26.1 प्रतिशत महिलाएं हैं।
एचडीएफसी बैंक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी शशिधर जगदीशन ने वित्त वर्ष 2025 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा, ‘नौकरी छोड़ने वालों का प्रतिशत वित्त वर्ष 2024 में 26.9 प्रतिशत था, जो वित्त वर्ष 2025 में 22.6 प्रतिशत पर सिमट गया। ’
नौकरी छोड़कर जाने वाले कर्मचारियों की संख्या कम करने और उन्हें जमकर काम करने को प्रोत्साहित करने के लिए ऐक्सिस बैंक ने कई प्रशिक्षण पहल किए और की रिजल्ट एरिया (केआरए) के आकलन को मजबूत किया।
ऐक्सिस बैंक ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा, ‘वित्त वर्ष 2025 में हमारी प्रमुख शिक्षण पहलों में से एक नॉलेज ट्रांसफर प्रोग्राम (केटीपी) रहा है। नए कर्मचारियों को 90 दिन के भीतर अपने पर्यवेक्षकों से जुड़ने में मदद मिली।’ वित्त वर्ष 2025 तक ऐक्सिस बैंक में 104,453 कर्मचारी थे, जिनमें से 28,910 महिलाएं हैं।