उद्योग जगत के अधिकारियों और विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल उधारी पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के कार्यसमूह की सिफारिशों से ग्राहकों व उधारी देने वालों दोनों के लिए ही सुरक्षित और विश्वसनीय माहौल बन सकेगा और इससे डिजिटल उधारी को और गति मिलेगी। इनसे अनुचित गतिविधियों को रोकने में मदद मिलेगी और जिम्मेदारीपूर्ण कारोबार सुनिश्चित हो सकेगा।
इंडिया लेंड्स के मुख्य कार्याधिकारी और संस्थापक गौरव चोपड़ा ने कहा कि मानक प्रारूप में वास्तविकता की जानकारी मुहैया कराए जाने की जरूरत है, जिसमें सालाना प्रतिशत दर शामिल है। इससे उधारी लेने वालों को ज्यादा प्रतिशत दर के बारे में बेहतर सूचना मिल सकेगी।
बीते साल में डिजिटल उधारी में जोरदार बढ़ोतरी हुई है, जिससे उधारी प्लेटफॉर्म के कारोबारी गतिविधियों पर तमाम सवाल भी उठे हैं। रिजर्व बैंक की ओर से प्रस्तावित नए मानक यह सुनिश्चित करेंगे कि उधारी ऐप पर ग्राहकों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी और उन्हें अनैतिक कारोबारी गतिविधि से कैसे बचाया जा सकेगा।
सिंजी के सह संस्थापक और सीईओ अंकित राता ने कहा, ‘हमारा मानना है कि अगर सिफारिशें स्वीकार की जाती हैं तो इससे न सिर्फ ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी बल्कि डेटा की निजता भी सुनिश्चित होगी और धोखाधड़ी वाले लेन देन को भी रोका जा सकेगा।’
