वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आज कहा कि सरकार अगले पांच साल में वित्तीय समावेशीकरण का लक्ष्य हासिल कर लेगी।
चिदंबरम ने बैंकों से ग्रामीण इलाकों पर प्रमुखता से ध्यान केन्द्रित करने को भी कहा। वित्त मंत्री ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘हम अगले पांच साल में वित्तीय समावेशीकरण का सपना साकार कर लेंगे। हमारे पास कई अच्छे बैंक हैं लेकिन वे सर्वश्रेष्ठ बैंक तभी बन सकते हैं जब वे बैंकिंग को देश के सुदूरवर्ती इलाकों में भी लेकर जाएं।’
चिदंबरम ने कहा कि देश का बैंकिंग उद्योग अब तेज विकास के रास्ते पर है और उसका कारोबार काफी सुधरा है। उन्होंने कहा, ”पिछले चार साल में तरजीही क्षेत्र को ऋण बढ़ा है। सरकारी बैंकों ने इस क्षेत्र के लिए ऋण दोगुना कर दिया है जबकि कृषि क्षेत्र के लिए ऋण तीन गुना हो गया है।’ चिदंबरम ने कहा कि घरेलू बैंकों की सकल एवं शुध्द गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) में पिछले चार साल के दौरान तेजी से हुई कमी भी स्वस्थ विकास का परिचायक है।
उन्होंने कहा कि बैंक प्रबंधन और कर्मचारी यूनियनों के बीच अच्छा संपर्क होना चाहिए ताकि बैंकिंग व्यवस्था का कामकाज सुधारा जा सके। चिदंबरम ने कहा, ‘जो बात अभी नहीं हो पा रही है, वह बैंक प्रबंधन और यूनियनों के बीच प्रभावशाली संचार की कमी है। हालांकि शाखा स्तर पर उचित स्तर का संचार कायम है लेकिन प्रबंधन और यूनियनों के बीच अभी ऐसा नहीं है।’