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कोविड ऋण के लिए अपने कोष का इस्तेमाल कर रहे बैंक ले सकते हैं रिवर्स रीपो का लाभ

Last Updated- December 12, 2022 | 5:03 AM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आज कहा कि कोविड-19 हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने के लिए अपने संसाघनों से धन देने वाले बैंकों को भी रिवर्स रीपो विंडो के माध्यम से रीपो रेट से 25 आधार अंक कम पर अतिरिक्त धन (यह कोविड ऋण बुक के आकार के मुताबिक होगा) मिल सकेगा।
इन कर्जों का वर्गीकरण प्राथमिकता वाले क्षेत्र (पीएसएल) की उधारी के तहत पुनर्भुगतान/परिवक्वता तक जारी रहेगा, जो भी पहले हो। बैंक उधारी लेने वालों को सीधे या रिजर्व बैंक के नियमन में आने वाली मध्यस्थ वित्तीय इकाइयों के माध्यम से कर्ज दे सकते हैं।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 5 मई को 50,000 करोड़ रुपये के कोविड पैकेज का ऐलान किया था, जिसका मकसद टीका बनाने वाली कंपनियों, चिकित्सा उपकरण की आपूर्ति करने वालों, अस्पतालों तथा बीमारी का इलाज करा रहे रोगियों को रकम उपलब्ध कराना है। इसके तहत बैंकों द्वारा 50,000 करोड़ रुपये के आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा ऋण 31 मार्च, 2022 तक दिए जाएंगे, जिन्हें तीन साल में वापस किया जा सकता है। इन्हें प्राथमिक क्षेत्र के ऋण की श्रेणी में रखा जाएगा। प्राथमिक क्षेत्र के ऋण के लिए बैंकों को नकद आरक्षी अनुपात या सांविधिक तरलता अनुपात बरकरार रखने की जरूरत नहीं होती और यह कर्ज रियायती दर पर उपलब्ध होता है।
रिजर्व बैंक ने बैंकों को भेजे अपने संदेश में कहा है कि वे कोविड-19 संबंधी स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के लिए धन मिलने के 30 दिन के भीतर कर्ज दे सकते हैं। योजना के तहत बैंकों द्वारा कर्ज देने को लेकर समय की कोई सीमा नहीं है। बहरहाल बैंकों को यह सुनििश्चत करना होगा कि रिजर्व बैंक द्वारा लिए गए थन का इस्तेमाल विशेष सेग्मेंट को उधारी देने के लिए है।
बैंकों द्वारा रिजर्व बैंक से धन की मांग और उसे दिया जाना आवेदन की तिथि पर धन की उपलब्धता पर निर्भर होगा। रिजर्व बैंक ने बैंकों से कहा है कि फंड की गारंटी नहीं है, क्योंकि इस मद में आवंटित की गई कुल राशि 50,000 करोड़ रुपये है। अगर कोई बैंक एक सप्ताह के दौरान कई आवेदन करता है तो सभी आवेदनों को एकत्र किया जाएगा और कार्रवाई की तिथि पर सिंगल रीपो कॉन्टैक्ट तैयार किया जाएगा।
अगर अनुरोध की गई राशि कार्रवाई की तिथि पर योजना के तहत बची हुई राशि से ज्यादा है तो सभी पात्र अनुरोधों पर आनुपातिक हिसाब से धन दिया जाएगा।

First Published - May 7, 2021 | 10:32 PM IST

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