वाणिज्यिक बैंक उदार धनप्रेषण योजना (LRS) के तहत 1 अप्रैल से विदेश में क्रेडिट कार्ड से व्यय की योजना के लिए तैयारी कर रहे हैं, हालांकि इसे लेकर समीक्षा करने का आवेदन अभी भी सरकार के पास लंबित है।
पिछले साल सरकार ने घोषणा की थी कि विदेशी मुद्रा में क्रेडिट कार्ड से व्यय एलआरएस की 2,50,000 डॉलर की सालाना सीमा में शामिल होगा। साथ ही कार्ड धारकों को क्रेडिट कार्ड से विदेश में किए गए लेन देन पर 20 प्रतिशत तक स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) का भुगतान करना होगा। उद्योग के कारोबारियों से मिले आवेदन के बाद योजना लागू किया जाना टाल दिया गया था।
बैंक अभी सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने एलआरएस के तहत इस तरह के लेन देन की व्यवस्था कर दी है।
एक निजी बैंक में क्रेडिट कार्ड विभाग का कामकाज देखने वाले अधिकारी ने कहा, ‘बैंक इसे 1 अप्रैल से लागू करने के लिए काफी हद तक तैयार हैं।’ उन्होंने कहा, ‘बैंकों को बैकएंड पर कंज्यूमर डेटा वेयरहाउस बनाना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी तरह से किए गए रेमिटेंस एकत्र हो जाएं और उसके बाद संबंधित कर कटौती लागू हो।’
सरकार ने कहा था कि एलआरएस के तहत सभी मकसद के लिए टीसीएस की दर में कोई बदलाव नहीं होगा और विदेश में ट्रैवल और टूर पैकेज की राशि एक व्यक्ति के लिए सालाना 7 लाख रुपये तक होगी, चाहे इसका भुगतान जिस तरीके से किया जाए।
एलआरएस के तहत चिकित्सा संबंधी उपचार और शिक्षा को छोड़कर अन्य सभी मकसद के लिए 20 प्रतिशत कर का प्रस्ताव किया गया है। शिक्षा व चिकित्सा पर होने वाले खर्च पर कर मामूली है।
विशेषज्ञों का कहा है कि इंटरनैशनल क्रेडिट कार्ड से एलआरएस के तहत खर्च करने को लेकर कई तरह की चिंताएं हैं, जैसे कि बैंक क्रेडिट कार्ड से अंतिम उपभोग पर नजर कैसे रखेगा और अगर मेडिकल के मकसद से खर्च किया गया है तो इसका श्रेणीकरण कैसे किया जाएगा।
केयरएज रेटिंग्स के एसोसिएट डायरेक्टर सौरभ भालेराव ने कहा, ‘भारत में रहकर विदेशी मुद्रा में किए गए लेन देन को लेकर विसंगतियां हैं, जैसे विदेशी अखबार या पत्रिका का सबस्क्रिप्शन लेना, जिसमें डॉलर में भुगतान होता है।’
भालेराव ने कहा कि इसके साथ ही एलआरएस सीमा के तहत उचित तरीके से आवंटन सुनिश्चित करना चुनौतीपूर्ण होगा, खासकर ऐसी स्थिति में जब मल्टिपल यूजर्स शामिल होते हैं। अगर कोई व्यक्ति 5 लाख रुपये छुट्टियों पर खर्च करता है, जो उसके और उसके परिवार के लिए है, तो क्या पूरे 5 लाख रुपये उसके नाम पर माना जाएगा या इसका आवंटन परिवार के हर सदस्य के नाम पर होगा, जो छुट्टियों पर गए हैं।
साथ ही यह भी स्पष्ट नहीं है कि कॉर्पोरेट क्रेडिट कार्ड और व्यक्तिगत क्रेडिट कार्ड से किए गए व्यय में एलआरएस के तहत अंतर कैसे किया जाएगा, खासकर ऐसी स्थिति में जब व्यक्तिगत क्रेडिट कार्डों काइस्तेमाल कारोबारी मकसद के लिए किया जाता है।
एलआरएस के तहत विदेश में क्रेडिट कार्ड से खर्च को शामिल किए जाने का मकसद बड़े पैमाने पर विदेशी मुद्रा को बाहर जाने से रोकना है, क्योंकि एलआरएस के तहत रेमिटेंस पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक एलआरएस के तहत 2023-24 के अप्रैल जनवरी के दौरान 27.42 अरब डॉलर बाहर भेजा गया, जो एक साल पहले के 22.98 अरब डॉलर की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक था।