सार्वजनिक क्षेत्र के बड़े बैंकों ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने ऋण वृद्धि लक्ष्य को संशोधित करके इजाफा किया है। कॉरपोरेट क्षेत्र तथा छोटे एवं मध्य उद्यमों (एसएमई) की ओर से मांग में सुधार के बाद ऐसा किया गया है, जबकि विकासोन्मुख आर्थिक सुधार आकार ले रहा है।
नवंबर में सात प्रतिशत का स्तर पार करने के बाद दिसंबर के अंत तक अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की ऋण वृद्धि सालाना आधार पर बढ़कर 9.2 प्रतिशत हो गई थी। अप्रैल 2020 के बाद से पहली बार हुआ है। हालांकि जनवरी के पहले पखवाड़े के दौरान ऋण वृद्धि संकुचित हो गई थी, जिसके परिणामस्वरूप वृद्धि का आंकड़ा गिरकर आठ प्रतिशत पर आ गया था।
देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), जिसने दिसंबर के अंत में 8.5 प्रतिशत ऋण वृद्धि दर्ज की थी, ने कहा कि खुदरा अग्रिमों में मजबूत वृद्धि तथा एसएमई और कॉरपोरेट अग्रिमों में पुनरुत्थान की वजह से ऐसा हुआ है। कॉरपोरेट ऋण में सुधार से उत्साहित एसबीआई अब वर्ष का समापन नौ प्रतिशत की ऋण वृद्धि के साथ होने की उम्मीद कर रहा है, जबकि पहले यह 8.5 प्रतिशत रहने का अनुमान था।
भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि कॉरपोरेट पक्ष के संबंध में सीमा उपयोग में सुधार हुआ है। सीमा का अप्रयुक्त हिस्सा सितंबर 2021 के 51 प्रतिशत से घटकर दिसंबर 2021 में 43 प्रतिशत रह गया है।
खारा ने शनिवार को आय उपरांत मीडिया के साथ बातचीत में कहा था ‘हमें उम्मीद है कि इस रुख में आगे और विस्तार किया जाएगा। कॉरपोरेट द्वारा उपयोग (स्वीकृत सीमाओं के) से ऋण वृद्धि में और सुधार आएगा, जो अंतत: बेहतर आंकड़ों की ओर ले जाएगा। हमें ऐसा प्रतीत होता है कि यह एक स्थायी प्रवृत्ति है।’ खारा ने कहा कि हमारे खुदरा खंड ने अच्छा प्रदर्शन किया है और आगे भी अच्छा प्रदर्शन करता रहेगा। अब हमें कॉरपोरेट और एसएमई से भी अच्छी वृद्धि की उम्मीद है। हमने 8.5 प्रतिशत कहा था (वित्त वर्ष 22 के लिए ऋण वृद्धि अनुमान), लेकिन हम नौ प्रतिशत की ओर बढ़ेंगे।
जनवरी 2022 में एसबीआई ने 15,000 करोड़ रुपये का ऋण विस्तार किया है। इसके पास चार लाख करोड़ रुपये से अधिक की पाइपलाइन है।
बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अतनु दास ने कहा कि खुदरा और कृषि जैसे क्षेत्रों में अच्छा रुख होने की वजह से बैंक को वित्त वर्ष 22 के दौरान अग्रिमों में सात से आठ प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है। यह वित्त वर्ष की शुरुआत में किए गए पांच से छह प्रतिशत की वृद्धि (सालाना आधार पर) के अनुमान से ज्यादा है।
दिसंबर 2021 के अंत तक बैंक ऑफ इंडिया का कुल अग्रिम सालाना आधार पर 5.40 प्रतिशत तक बढ़कर 4,37,399 करोड़ रुपये हो गया। पिछले वित्त वर्ष में बैंक की ऋण वृद्धि गिरकर 5.6 प्रतिशत रह गई थी, क्योंकि साल पहले भाग के दौरान कड़े लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ा था। महामारी के पहले भी अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी थी, क्योंकि वित्त वर्ष 2019-20 में ऋण वृद्धि महज 6.1 फीसदी ही थी।
सार्वजनिक क्षेत्र के एक अन्य बड़े ऋणदाता – बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) ने कहा कि उसे इस बात की उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में सात से 10 फीसदी की वृद्धि दर के अनुमान को पूरा कर लिया जाएगा। बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी संजीव चड्ढा ने कहा कि वित्त वर्ष 22 में हमारा लेखा-बही सात से 10 प्रतिशत के बीच बढऩे की उम्मीद है और मुझे विश्वास है कि हमें उस सीमा को पूरा करने में सक्षम रहेंगे।
चड्ढा ने कहा कि हम मानते हैं कि अगले साल हमें दोहरे अंकों की ऋण वृद्धि पर ध्यान देना चाहिए और अब तक हमारा अनुमान है कि बाजार 10 से 12 प्रतिशत तक बढ़ेगा तथा हमारा रुख यह है कि मार्जिन के संबंध में समझौता किए बिना हम बाजार दर या इससे बेहतर दर पर वद्धि करना चाहते हैं।
