बीएसई बैंकेक्स करीब 4 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ बंद हुआ, जो 13 मार्च के बाद की सबसे बड़ी बढ़त है। इसके साथ ही इंडेक्स भी 13 मार्च के बाद के सर्वोच्च सस्तर पर बंद हुआ है। बेंचमार्क सेंसेक्स 353 अंकों की बढ़त के साथ 39,467.31 पर बंद हुआ, जो 27 फरवरी के बाद का सर्वोच्च स्तर है। निफ्टी-50 इंडेक्स 0.83 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 11,655 पर बंद हुआ। दोनों सूचकांकों ने लगातार छठे दिन बढ़त दर्ज की।
सेंसेक्स में बढ़त हासिल करने वाले पांच अग्रणी शेयरों में से चार बैंकिंग शेयर रहे, जिसकी अगुआई इंडसइंड बैंक ने की और उसमें 8.4 फीसदी की उछाल दर्ज हुई। उसके बाद ऐक्सिस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक में क्रमश: 7.7 फीसदी व 4.4 फीसदी का इजाफा हुआ। पांच अग्रणी बैंंकिंग शेयरों ने सेंसेक्स की बढ़त में 300 अंकों का योगदान किया। विशेषज्ञों का मानना है कि बैंकों की आय के परिदृश्य में मार्च-अप्रैल के मुकाबले काफी ज्यादा सुधार हुआ है।
कोविड-19 महामारी के अवरोध के कारण परिसंपत्ति गुणवत्त्ता पर दबाव के अनुमान से एक्सचेंजों पर बैंकिंग शेयर पिछड़े हुए थे। अन्य अग्रणी कंपनियों के शेयरों ने रिकॉर्ड ऊंचाई को छू लिया जबकि बैंंकिंग शेयर अभी भी इस साल अब तक लिहाज से 10 से 50 फीसदी तक नीचे हैं।
हालांकि यूबीएस ने एक नोट में कहा है कि जोखिम के कम होने और हालिया कमजोर प्रदर्शन बैंकिंग शेयरों में बढ़त की गुंजाइश बनाता है। नोट में कहा गया है, पिछले कुछ महीनों में सरकार और आरबीआई की तरफ से उठाए गए राहत के कदमों ने बैंकिंग सिस्टम का जोखिम घटाया है। हमारा मानना है कि फंसे कर्ज का जोखिम हमारे पहले के अनुमान से कम हुआ है और नए नियम से बैंकों को और प्रावधान के लिए वक्त मिलेगा। ब्रोकरेज ने कहा कि इस क्षेत्र में गिरावट का जोखिम सीमित है।
इसके अलावा शुद्ध ब्याज मार्जिन का परिदृश्य बेहतर रहने का अनुमान है और विदेशी ब्रोकरेज ने वित्त वर्ष 2021 के लिए एसबीआई, ऐक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक आदि के लिए आय अनुमान में 115 फीसदी तक का संशोधन किया है।
आईआईएफएल सिक्योरिटीज के निदेशक संजीव भसीन ने कहा, नियामकीय सहयोग के साथ परिसंपत्ति गुणवत्त्ता में सुधार की उम्मीद, उधारी में इजाफा और कम मूल्यांकन बैंंकिंग शेयरों में तेजी को सहारा दे रहे हैं। उनका मानना है कि बैंंकिंग शेयरों का प्रदर्शन बेहतर रहेगा, ऐसे में निफ्टी बैंक इंडेक्स दिसंबर तक 27,000 पर पहुंच सकता है, यानी उसमें 10 फीसदी की उछाल आ सकती है। साथ ही वैश्विक नकदी उभरते बाजार की ओर आ रही है कक्योंकि अमेरिकी डॉलर तीन साल के निचले स्तर पर आ गया है। इसके अतिरिक्त विश्लेषकों ने कहा कि महंगाई में बढ़ोतरी का मतलब यह हो सकता है कि केंद्रीय बैंक का ब्याज कटौती का चक्र खत्म हो जाएगा और बैंकों के लिए स्थितियां काफी ज्यादा मजबूत हो जाएंगी। टार्गेट इन्वेस्टिंग के रणनीतिकार समीर कालरा ने कहा, इस परिदृश्य में बैंक केंद्र में आ जाएंगे। यह उनके शुद्ध ब्याज मार्जिन में इजाफा करेगा और यह कारोबारी लिहाज से अच्छा है। यह इंडेक्स के बड़े हिस्से की भरपाई करेगा और तेजी की अगुआई करेगा।
इसके अलावा निवेशकों की दिलचस्पी की वजह इंडसइंड बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, ऐक्सिस बैंक आदि में बैंकों की तरफ से हालिया पूंजी निवेश है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि इससे बैंलेंस शीट का जोखिम घटाने में मदद मिल रही है।