बैंक ऑफ बड़ौदा ने जुलाई में अपने 100 साल पूरा होने से पहले अपनी चौथी तिमाही समेत साल 2007-08(अप्रैल-मार्च) के वित्तीय परिणामों की भी घोषणा की।
पिछले वित्तीय साल के मुकाबले इस साल बैंक की कुल आय में तकरीबन 34 फीसदी, आपरेटिंग प्राफिट में 25.41 फीसदी और नेट प्राफिट में लगभग 39.90 फीसदी का इजाफा हुआ है। जबकि आखिरी तिमाही में बैंक का शुध्द लाभ 12.53 फीसदी बढा।
नॉन पर्फामिंग एसेट की बात करें तो मार्च 2008 की समाप्ति पर इसमें 0.47 फीसदी की गिरावट आई है,जबकि कुल एडवांसेज में 27.6 फीसदी का उछाल आया है। साल 2007-08 के लिए नेट इंट्रेस्ट मार्जिन 2.90 फीसदी पर बना रहा।
इनके अलावा बैंक ने आरबीआई के दिशा निदेर्शों के तहत ट्रेजरी ऑपरेशन, थोक, खुदरा और अन्य बैंकिंग ऑपरेशनों को प्राथमिक कारोबार क्षेत्र के अंतर्गत जबकि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कारोबार को द्वितीयक कारोबार क्षेत्र में रखते हुए अपने बिजनेस ऑपरेशनों को अंजाम दिया है। इसी दौरान टैक्स प्रोविजन समेत बैंक ने कुल प्रोविजन में पिछले वित्तीय साल के मुकाबले 14.73 फीसदी का इजाफा दर्ज किया है।
इसी प्रकार, बैंक की ट्रेजरी आय में ईयर-ऑन-ईयर के आधार पर कुल 290.86 फीसदी का उछाल हासिल किया है। फ्री-बेस्ड इनकम में 14.23 फीसदी जबकि कैश-रिकवरी में 45.60 फीसदी का उछाल दर्ज किया है।
पिछले साल के चौथे तिमाही के मुकाबले कं पनी के कुल आय में 26.58 फीसदी का इजाफा हुआ है,जबकि नेट प्रॉफिट 12.53 फीसदी उछला है। इस तिमाही में आपरेटिंग प्राफिट में 9.47 फीसदी,कुल प्रोविजन में 7.96 फीसदी की तेजी दर्ज हुई है।
इसके अलावा नेट इंट्रेस्ट मार्जिन की सुरक्षा के लिहाज से बैंक ने लिए जाने वाले कदमों का उल्लेख किया,जिसमें सीएएसए शेयर की हालत में इजाफा,सब-बीपीएलआर अनुपात को व्यवस्थित करना समेत खुदरा और एसएमई कारोबार को और पुख्ता करने की भी बात है। इसके अलावा कोर-बैंकिंग सेवा के जरिए ज्यादा -से -ज्यादा शाखाओं को तकनीकी रूप से मजबूत और ऑपरेटिंग खर्चे को कम करने का जिक्र किया।