facebookmetapixel
जेल में बंद JDU नेता अनंत सिंह मोकामा से 28,000 वोटों से जीते, RJD के वीणा देवी को हरायामहिला-EBC गठबंधन, विपक्षी एकता में कमी: बिहार चुनाव में NDA के शानदार प्रदर्शन के पीछे रहे ये पांच बड़े फैक्टरबिहार विधानसभा चुनाव 2025: यहां देखें विजेताओं की पूरी लिस्टदिल्ली के पॉश इलाकों में घर लेना और महंगा! इंडिपेंडेंट फ्लोर की कीमतों में जबरदस्त उछालBihar Assembly Elections 2025: नीतीश के पोस्टरों से पटा पटना, समर्थकों ने कहा-‘टाइगर जिंदा है’बिहार चुनाव में बड़ा झटका! प्रशांत किशोर की जन सुराज हर सीट पर पीछे- ECI रुझानों ने चौंकायाBihar Election Results: क्या NDA 2010 की ऐतिहासिक जीत को भी पीछे छोड़ने जा रही है?Bihar Election 2025: नतीजों पर सियासत गरमाई, जदयू ने कहा ‘नीतीश का करिश्मा’, विपक्ष बोला ‘निराशाजनक’19 साल की सत्ता का राज! हर चुनाव में क्या नई चाल चलते थे नीतीश कुमार?12 महीने में पैसा डबल! Q2 रिजल्ट के बाद कंज्यूमर स्टॉक पर ब्रोकरेज लट्टू, Q2 में 190% बढ़ा मुनाफा

आरबीआई की मौद्रिक नीति रिपोर्ट में 7.8 प्रतिशत वृद्घि का अनुमान

Last Updated- December 12, 2022 | 12:23 AM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2023 के लिए 7.8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्घि का अनुमान जताया गया है। सामान्य मॉनसून और कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण को ध्यान में रखते हुए यह अनुमान व्यक्त किया गया है। साल में दो बार (अप्रैल और अक्टूबर) में प्रकाशित होने वाली इस रिपोर्ट में कहा गया है, ‘आपूर्ति शृंखलाओं के बहाल होने, सामान्य मॉनसून, नीतिगत झटकों के अभाव, और टीकाकरण में तेजी के बीच वर्ष 2022-23 के लिए, ढांचागत मॉडल अनुमान से त्रैमासिक वृद्घि दर 5-17.2 प्रतिशत के दायरे के साथ वास्तविक जीडीपी वृद्घि 7.8 प्रतिशत पर रहने का संकेत मिलता है।’ जहां शुक्रवार को मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए आरबीआई की 6 सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति ने वित्त वर्ष 2022 के लिए वृद्घि अनुमान 9.5 प्रतिशत पर बनाए रखा, वहीं सीपीआई मुद्रास्फीति अनुमान 5.7 प्रतिशत से घटाकर 5.3 प्रतिशत कर दिया गया।
वृद्घि
कोविड महामारी की दूसरी लहर कमजोर पडऩे, प्रतिबंधों में ढील दिए जाने, और टीकाकरण में सुधार आने से आर्थिक गतिविधि जून 2021 से सामान्य हो रही है। शहरी मांग बढऩे की संभावना है। पूंजीगत खर्च और सुधार की दिशा में सरकार के बढ़ते प्रयासों के साथ साथ विदेशी प्रत्यक्ष निवेश प्रवाह में तेजी से भी निवेश गतिविधि के लिए अनुकूल परिवेश पैदा हुआ है। 2021-22 के शेष समय और आगामी वर्ष में निवेश प्रवाह में तेजी आने की संभावना है।
मुद्रास्फीति
शहरी परिवारों के लिए मुद्रास्फीति संबंधित अनुमान आरबीआई समीक्षा के सितंबर 2021 चरण में
तीन महीनों और एक वर्ष के लिए 50 आधार अंक और 60 आधार अंक घटे हैं। जुलाई-सितंबर अवधि में निर्माण कंपनियों ने औद्योगिक परिदृश्य सर्वे में कच्चे माल की लागत और बिक्री कीमतें 2021-22 की तीसरी तिमाही में और ज्यादा बढऩे की आशंका जताई। मुद्रास्फीति में तेजी का जोखिम आपूर्ति शृंखलाओं पर दबाव, वैश्विक जिंस कीमतों में बदलाव की वजह से पैदा होता है। वहीं कमजोर मांग बने रहने और अर्थव्यवस्था पर दबाव से गिरावट का जोखिम पैदा होने की आशंका बढ़ती है।
तरलता की स्थिति
अतिरिक्त तरलता की स्थिति में वाणिज्यिक पत्र (सीपी) निर्गम आकार वित्त वर्ष 2022 की पहली छमाही के दौरान बढ़कर 10.1 लाख करोड़ रुपये पर दर्ज किया गया, जो पूर्ववर्ती वर्ष की समान अवधि के दौरान 7.9 लाख करोड़ रुपये था। सीपी दरें सामान्य तौर पर रिवर्स रीपो दर से ऊपर कारोबार करती हैं और पहली छमाही के दौरान इनमें 46 आधार अंक का औसत अंतर दर्ज किया गया।
बाह्य परिवेश
कच्चे तेल की कीमतों में जुलाई के दूसरे सप्ताह से उतार-चढ़ाव बना हुआ था और अमेरिकी रियायतों में नरमी की उम्मीदों से डॉलर में मजबूती आई। उभरते बाजारों की मुद्राओं में जून के दूसरे सप्ताह के ऊंचे स्तर के बाद नरमी आई। यदि कच्चा तेल मुख्य आधार से 10 प्रतिशत ऊपर बना रहता है तो घरेलू मुद्रास्फीति में 30 आधार अंक तक की तेजी आ सकती है और वृद्घि में करीब 20 आधार अंक की गिरावट दर्ज की जा सकती है।

First Published - October 8, 2021 | 11:52 PM IST

संबंधित पोस्ट