इस साल हरियाणा विधान सभा चुनाव में 90 विजयी उम्मीदवारों में से 12 उम्मीदवारों (13 फीसदी) ने खुद पर आपराधिक मुकदमे की जानकारी दी है। साल 2019 में भी यही आंकड़ा था।
इस बार विधान सभा पहुंचने वाले 86 विधायक यानी 96 फीसदी विधायकों के पास 1 करोड़ अथवा उससे अधिक की संपत्ति है। साल 2019 में 84 यानी 93 फीसदी विधायक करोड़पति थे और उससे पहले साल 2014 में 75 यानी 83 फीसदी और साल 2009 में 65 यानी 72 फीसदी विधायकों के पास एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति थी।
इस बार चुनाव में जीत दर्ज करने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुल 48 में से 46 यानी 96 फीसदी विधायकों के पास एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है। कांग्रेस के 37 में से 35 विधायक यानी 95 फीसदी करोड़पति हैं। इंडियन नैशनल लोक दल (इनेलो) के दोनों विधायक और तीनों निर्दलीय विधायकों के पास एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है।
भाजपा के कुल 48 विजयी उम्मीदवारों की प्रति विजयी उम्मीदवार औसत संपत्ति 24.35 करोड़ रुपये है। कांग्रेस के 35 विधायकों की प्रति विधायक औसत संपत्ति 17.97 करोड़ रुपये है। इनेलो के दोनों विधायकों की औसत संपत्ति 36.22 करोड़ रुपये है और तीनों निर्दलीय विधायकों की औसत संपत्ति 113.84 करोड़ रुपये है।
हिसार से निर्दलीय चुनाव जीतने वालीं सावित्री जिंदल के पास सर्वाधिक 270 करोड़ रुपये की संपत्ति है। भाजपा की कालका से विधायक शक्ति रानी शर्मा के पास 145 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति है और भाजपा की तोशाम से विधायक श्रुति चौधरी के पास 134 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
इस बार हरियाणा विधान सभा का चुनाव जीतने वाले 26 यानी 29 फीसदी उम्मीदवारों ने अपनी शिक्षा आठवीं से 12वीं तक बताई है, जबकि 61 यानी 68 फीसदी विजयी उम्मीदवार स्नातक तक की पढ़ाई किए हुए हैं। 2 विजेता के पास डिप्लोमा की डिग्री और एक विधायक सिर्फ साक्षर हैं।
इस बार चुनाव जीतकर विधान सभा पहुंचने वाले 31 यानी 34 फीसदी विधायकों की उम्र 25 से 50 वर्ष के बीच है जबकि 59 यानी 66 फीसदी विजयी उम्मीदवार 51 से 80 वर्ष आयु के हैं।
इस बार विजयी उम्मीदवारों में से 13 यानी 14 फीसदी महिलाएं हैं। साल 2009 में सिर्फ 9 महिला विधायक थीं और साल 2014 में इनकी संख्या अभी जितनी ही 13 थी।