UP Bypolls: उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में अभी तक प्रचार में पिछड़ रहा विपक्ष अब पूरी ताकत झोंकेगे। उपचुनाव में जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता जमकर प्रचार कर रहे हैं वहीं विपक्ष के बड़े नेताओं की ओर से अब तक औपचारिक शुरुआत भी नहीं हुयी है। प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को मतदान होना है।
अब तक प्रचार में फिसड्डी रहे विपक्षी इंडिया गठबंधन ने अगले हफ्ते से अपने राष्ट्रीय स्तर के नेताओं की साझा रैलियां आयोजित करने का फैसला किया है। उत्तर प्रदेश में 9 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में इंडिया गठबंधन की ओर से सभी सीटें समाजवादी पार्टी ही लड़ रही है। अपने प्रचार अभियान में जान फूंकने के लिए सपा ने इंडिया गठबंधन के अन्य दलों के दिग्गजों से संपर्क साधा है।
अब तक प्रचार में फिसड्डी रहे विपक्षी इंडिया गठबंधन ने अगले हफ्ते से अपने राष्ट्रीय स्तर के नेताओं की साझा रैलियां आयोजित करने का फैसला किया है। सपा की रणनीति अगले हफ्ते पार्टी मुखिया अखिलेश यादव के साथ कांग्रेस के राहुल गांधी या प्रियंका गांधी की रैली कराने की है। इन रैलियों में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी बुलाया जाएगा। सपा नेताओं का कहना है कि उपचुनावों में भाजपा को हराने के लिए कम से कम 2-3 साझा रैलियां आयोजित की जाएंगी। जिनमें प्रमुख विपक्षी पार्टियों के नेता शामिल होंगे।
उपचुनावों वाली सीटों पर सबसे पहले प्रचार अभियान की शुरुआत खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की थी। लोकसभा चुनावों के खत्म होने के साथ ही उन्होंने उपचुनाव वाले विधानसभा सीटों पर रैलियों का सिलसिला शुरु कर दिया था और अधिसूचना जारी होने से पहले उन्होंने हर क्षेत्र में दो-दो रैलियों को संबोधित कर लिया था। शुक्रवार को भी मुख्यमंत्री योगी ने पश्चिम उत्तर प्रदेश के मीरापुर विधानसभा सीट के लिए हो रहे उपचुनाव में राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी के साथ साझा रैली को संबोधित किया।
उपचुनावों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गंभीरता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि वह खुद इनमें से दो सीटों पर प्रचार अभियान के प्रभारी हैं जबकि दोनो उपमुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक को दो-दो सीटों का प्रभारी बनाया है।
सपा नेताओं का कहना है कि पार्टी ने काफी पहले से बड़े नेताओं को अलग-अलग उपचुनाव वाले क्षेत्रों का प्रभारी बनाकर मतदाताओं से संपर्क साधना शुरु कर दिया है। पार्टी ने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में मिली सफलता के केंद्र में रहे पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक (पीडीए) की रणनीति को ही आगे बढ़ाते हुए उपचुनावों में प्रत्याशी उतारे हैं।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में करहल, मीरापुर, कटेहरी, सीसामऊ, मंझवा, फूलपुर, कुंदरकी, गाजियाबाद और खैर विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। इनमें से चार सीटें करहल, कुंदरकी, कटेहरी व सीसामऊ पूर्व में सपा के पास तो शेष पांच सीटें भाजपा गठबंधन के पास थीं।