भाजपा विधायक राहुल नार्वेकर सोमवार को 15वीं महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए। नार्वेकर ने रविवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। उन्हें निर्विरोध चुना गया क्योंकि विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (एमवीए) ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था। देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार ने सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया।
विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के बाद नई सरकार ने सदन में बहुमत साबित किया। देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार ने सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया। शिवसेना विधायक उदय सामंत और अन्य द्वारा पेश किए गए विश्वास प्रस्ताव को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने घोषणा की कि सदन ने विश्वास प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
भाजपा-शिवसेना-राकांपा महायुति गठबंधन के पास 288 सदस्यीय राज्य विधानसभा में 230 सीटों का बहुमत है। पांच दिसंबर को फडणवीस ने तीसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। महाराष्ट्र की 15वीं विधानसभा का कार्यकाल आधिकारिक तौर पर सात दिसंबर को शुरू हुआ।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सदन को संबोधित करते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि 1960 में राज्य के गठन के बाद से नार्वेकर इस पद पर दोबारा चुने जाने वाले निचले सदन के दूसरे सदस्य हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बालासाहेब भारदे 1960 में महाराष्ट्र के गठन के बाद से दोबारा चुने जाने वाले एकमात्र विधानसभा अध्यक्ष थे। भारदे के बाद नार्वेकर यह सम्मान पाने वाले विधानसभा के दूसरे सदस्य हैं।
कुंदनमल फिरोदिया सदन के पहले अध्यक्ष थे जिन्हें दोबारा नियुक्त किया गया था, लेकिन यह बॉम्बे राज्य के समय की बात है और महाराष्ट्र के गठन से पहले सयाजी एल. सिलम को विधानसभा अध्यक्ष के रूप में चुना गया था और राज्य के अस्तित्व में आने के बाद उन्हें फिर से चुना गया।
स्पीकर का कक्ष सदन में सभी दलों के अधिकारों का कक्ष है। सदन में मतभेद होने पर भी स्पीकर के पास सीधे जा सकते हैं। अध्यक्ष दोनों पक्षों की बात सुनते हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में प्रभावी विपक्षी दल स्वस्थ लोकतंत्र की निशानी है। भविष्य में नवनिर्वाचित अध्यक्ष एडवोकेट राहुल नार्वेकर के मार्गदर्शन में सदन में व्यापक जनहित के फैसले लिये जायेंगे। उन्होंने अपने पिछले ढाई साल में ईमानदारी से काम किया है।
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि एडवोकेट राहुल नार्वेकर के पास एक हुनर है। विधानसभा अध्यक्ष के रूप में एडवोकेट नार्वेकर का कार्य सराहनीय है। पिछले ढाई साल में उन्होंने जो अच्छा काम किया है, वह इसका अच्छा उदाहरण है। ढाई साल में उन्होंने गहन अध्ययन किया और प्रदेश हित के लिए कई अच्छे फैसले दिए। देश और प्रदेश का शासन भारत रत्न डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा दिये गये संविधान से चलता है।
प्रदेश में विकास और प्रगति का एक नया युग शुरू हुआ है। अध्यक्ष के कानून के ज्ञान का उपयोग निश्चित रूप से आम आदमी की समस्याओं को हल करने में किया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष के अभिनंदन प्रस्ताव पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि महाराष्ट्र विधानमंडल का सदन देश को दिशा देने वाला सदन है। सभी को इस सदन का सम्मान करना चाहिए। चूंकि सदन को एक संवेदनशील अध्यक्ष मिला है, इसलिए उनके कार्यकाल के दौरान जनहित और प्रभावी निर्णय होंगे।
शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि विधानसभा के तीन दिवसीय विशेष सत्र के दौरान नार्वेकर के चुनाव और नए विधायकों को शामिल करने का बहिष्कार किया। क्योंकि उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान एक असंवैधानिक सरकार चलाने में मदद की थी। आदित्य ने कहा कि उन विधायकों के बारे में हर कोई जानता है जो सूरत और फिर गुवाहाटी (2022 में शिवसेना के विभाजन के बाद) भाग गए थे। सभी ने देखा है कि विधानसभा अध्यक्ष (नार्वेकर) के रूप में चुने गए इस व्यक्ति ने पिछले ढाई वर्षों में कैसे एक असंवैधानिक सरकार चलाने में मदद की। हमें उम्मीद है कि नार्वेकर अगले पांच साल में विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर अन्याय नहीं करेंगे।
करीब ढाई साल तक 14वीं विधानसभा के अध्यक्ष रहे भाजपा नेता नार्वेकर 20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव में मुंबई की कोलाबा विधानसभा सीट से फिर से चुने गए हैं। महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के रूप में अपने पिछले कार्यकाल के दौरान नार्वेकर ने फैसला सुनाया था कि बाल ठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी में विभाजन के बाद एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी असली शिवसेना है। उन्होंने यह भी फैसला दिया था कि अजित पवार के नेतृत्व वाला गुट असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) है, जिसकी स्थापना शरद पवार ने की थी।