मध्य प्रदेश में चुनावी मतदान खत्म होने के कुछ दिन बाद ही प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक रैली में कहा था कि राज्य में रिकॉर्ड मतदान ने यह सुनिश्चित किया कि ‘लाडली बहनों’ ने फिर से उन्हें सत्तारूढ़ करने के लिए रास्ते से सारे कांटे हटा दिए। इस बार मध्यप्रदेश में पहली बार 76.22 फीसदी मत पड़े थे। इस बार चुनावी नतीजों ने बता दिया कि 230 सदस्यीय विधानसभा में 160 सीटें जीतने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए यह बंपर जीत है। प्रदेश के राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इसे महिलाओं के लिए प्रमुख योजना के प्रभाव के रूप में भी देखा जा रहा है।
सर्वेक्षकों के आंकड़े दर्शाते हैं कि करीब 50 फीसदी महिला मतदाताओं ने प्रदेश की सत्तारूढ़ भाजपा को वोट दिया। यह विपक्षी दल कांग्रेस से 10 फीसदी ज्यादा और पुरुष मतदाताओं की तुलना में छह फीसदी अधिक था। तो, वह यह कौन सी योजना है जिसके बारे में विशेषज्ञ कह रहे हैं कि इस कारण ही शिवराज सिंह चौहान 18 साल से अधिक समय से सत्ता विरोधी ताकतों को मात देने में कामयाब रहे।
कर्नाटक चुनावों से कुछ महीने पहले इस साल 5 मार्च को ‘मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना’ की शुरुआत की गई थी। इसके तहत प्रदेश की सभी पात्र महिलाओं को हर महीने 1,000 रुपये देने का वादा किया गया था। यह योजना राज्यों में पहले से चल रही योजना जैसी ही है। इसमें 21 से 60 साल तक की महिलाओं को आधार नंबर से जुड़े हुए बैंक खातों में राशि देने का वादा दिया गया था। हालांकि इसमें परिवार की सालाना आय ढाई लाख रुपये से कम होना, परिवार में कर दाता या सरकारी सेवक नहीं होने और किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं लेने जैसी कुछ शर्तें भी थीं।
यह योजना तुरंत छा गई और कुछ ही महीनों में 1.3 करोड़ से अधिक महिलाओं ने योजना के लिए पंजीकरण कराया और जून में पहली किश्त उनके बैंक खातों में डाली गई। पात्र लाभार्थियों के नामांकन के लिए पूरे प्रदेश में बड़े पैमाने पर शिविर लगाए गए। इनमें भी महिलाओं को रोजगार दिया गया। बहुत कम कागजी कार्रवाई और आसान पहुंच ने भी इस योजना को खास बनाया।
बाद में मध्य प्रदेश सरकार ने ‘लाडली बहन योजना’ की राशि भी एक हजार रुपये से बढ़ाकर 1,250 रुपे कर दिया है और आगे भी इसे किश्तों में 3 हजार रुपये तक करने का वादा किया है। मध्य प्रदेश में भाजपा की वापसी में इस योजना की सफलता को देखते हुए केंद्र सरकार भी साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले डीबीटी आधारित इसी प्रकार योजनाएं लाने के लिए प्रेरित हो सकती है।