facebookmetapixel
20% रिटर्न दे सकता है ये Power Stock! मोतीलाल ओसवाल ने कहा– वैल्यूएशन है अच्छा, BUY का मौकाराम मंदिर निर्माण का काम हुआ पूरा, 25 नवंबर को पीएम मोदी करेंगे ध्वज स्थापनाOnline seed booking: अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों की सुधरेगी उपलब्धता, किसान ऑनलाइन बुक कर सकेंगे बीजबिहार के बाद अब 12 राज्यों में शुरू होगा एसआईआर, 51 करोड़ मतदाता होंगे शामिलडेट सिक्युरिटीज में रिटेल निवेशकों को मिल सकता है इंसेंटिव, सेबी का नया प्रस्तावIndian Oil Q2 Results: इंडियन ऑयल का मुनाफा कई गुना बढ़ा, Q2 में ₹13,288 करोड़ का नेट प्रॉफिटRAC टिकट क्या है? बिना डर करें रेल यात्रा, सीट की गारंटी तयQ2 नतीजों के बाद SBI Cards पर बंटी राय – कहीं ₹700 का खतरा, तो कहीं ₹1,100 तक की उम्मीदऑल टाइम हाई पर दिग्गज Tata Stock, ब्रोकरेज ने अपग्रेड की रेटिंग, कहा-खरीद लें; अभी 30% और चढ़ेगा51% उछला सोना, सिर्फ 6% बढ़े शेयर! ब्रोकरेज ने बताया अब कहां पैसा लगाने पर मिलेगा बेहतर रिटर्न

पिछले दो लोक सभा चुनावों में खूब दबा नोटा बटन, बिहार टॉप पर

मतदाताओं के लिए नोटा का विकल्प पहली बार वर्ष 2013 के दिसंबर में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम, दिल्ली और राजस्थान में हुए विधान सभा चुनाव के दौरान दिया गया था।

Last Updated- April 03, 2024 | 11:29 PM IST
EVM

जिसे कोई भी प्रत्याशी पसंद नहीं, उसके लिए नोटा (उपरोक्त में कोई नहीं) का विकल्प जब से ईवीएम में दिया गया है, देशभर से मतदाताओं के अलग-अलग रुझान देखने को मिल रहे हैं। वर्ष 2019 के लोक सभा चुनाव में जहां नोटा के तहत पड़े वोटों की हिस्सेदारी 1.06 प्रतिशत थी, वहीं 2014 के आम चुनाव में 1.08 प्रतिशत थी। पिछले दो लोक सभा चुनावों में बिहार समेत कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में नोटा पर वोट देने वालों की तादाद अच्छी खासी रही।

पिछले चुनाव में प्रत्या​शियों की नापसंदगी की हालत में नोटा चुनने के मामले में बिहार शीर्ष पर रहा। यहां कुल पड़े मतों का 2 प्रतिशत नोटा को गया था। इसके बाद आंध्र प्रदेश (1.54 प्रतिशत) और फिर छत्तीसगढ़ (1.44 प्रतिशत) में नोटा का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया गया। पिछले लोक सभा चुनाव में केंद्र शासित प्रदेशों की बात करें तो दमन और दीव में सबसे ज्यादा 1.70 प्रतिशत वोट नोटा पर पड़े। यहां कुल 65.2 लाख वोट नोटा को गए थे, इनमें 22,272 वोट पोस्टल बैलेट वाले थे।

वर्ष 2014 में मेघालय में सबसे अ​धिक 2.80 प्रतिशत वोट नोटा पर डाले गए थे। इसके बाद छत्तीसगढ़ (1.83 प्रतिशत) और गुजरात (1.76 प्रतिशत) लोगों ने किसी प्रत्याशी के बजाय नोटा पर बटन दबाना पसंद किया था। उस चुनाव में केंद्र शासित प्रदेशों के वर्ग में पुडुच्चेरी में सबसे अ​धिक 3.01 प्रतिशत वोट नोटा पर पड़े थे। वर्ष 2014 के आम चुनाव में देशभर से नोटा पर 60.2 लाख वोट डाले गए थे।

मतदाताओं के लिए नोटा का विकल्प पहली बार वर्ष 2013 के दिसंबर में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम, दिल्ली और राजस्थान में हुए विधान सभा चुनाव के दौरान दिया गया था। उसके बाद से सभी विधान सभा और लोक सभा चुनावों में ऐसे मतदाताओं को नोटा बटन दबाने की छूट दी जा रही है, जो किसी भी प्रत्याशी को पसंद नहीं करते।

First Published - April 3, 2024 | 11:08 PM IST

संबंधित पोस्ट