लोक सभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत कैसे बढ़ाया जाए, केंद्रीय निर्वाचन आयोग में इस बात को लेकर लगातार मंथन हो रहा है। निर्वाचन आयोग ने कहा कि उसने कम मतदान वाले कुल 266 संसदीय क्षेत्रों की पहचान की है और वह लोकसभा चुनावों में इन क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए योजना बना रहा है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने शुक्रवार को बड़े शहरों और चुनिंदा राज्यों के अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्देश दिया कि लोगों को ज्यादा से ज्यादा वोट डालने को प्रोत्साहित करने के लिए सभी कदम उठाए जाएं। बैठक में नगर निगमों के आयुक्त और बिहार, उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों के जिला निर्वाचन अधिकारी मौजूद थे।
निर्वाचन आयोग ने कम मतदान को लेकर आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि कम मतदान वाले 266 संसदीय क्षेत्रों की पहचान की गई है जिनमें से 215 ग्रामीण और 51 शहरी क्षेत्र हैं।
बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, तेलंगाना, गुजरात, पंजाब, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और झारखंड सहित 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 2019 के लोक सभा चुनावों में राष्ट्रीय औसत 67.40 प्रतिशत से कम मतदान हुआ था। प्रतिभागियों से मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने जोर देकर कहा कि ‘एक जैसा रुख सभी के लिए उपयुक्त है’ वाला दृष्टिकोण इस मामले में काम नहीं आएगा।
उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों और खंडों के लिए अलग-अलग रणनीतियों पर काम करने की वकालत की। सात चरणों में होने वाले लोक सभा चुनाव के लिए मतदान 19 अप्रैल से शुरू होगा। मतों की गिनती चार जून को होगी।
कुमार ने मतदान केंद्रों पर सुविधा प्रदान करने की तीन-आयामी रणनीति पर जोर दिया। जैसे कि कतार प्रबंधन, भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में छायादार पार्किंग, लक्ष्य के साथ लोगों तक पहुंच और संपर्क सुनिश्चित करना और मतदान के दिन लोगों को मतदान केंद्रों पर आने के लिए राजी करने के लिए आरडब्ल्यूए, स्थानीय आइकन और युवाओं को प्रभावित करने वाले लोगों सहित महत्वपूर्ण हितधारकों की भागीदारी आदि।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि भागीदारी बढ़ाने और व्यवहार परिवर्तन के लिए बूथवार कार्य योजना तैयार करें। उन्होंने प्रतिभागियों से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग रणनीति तैयार करने और विभिन्न लक्षित मतदाताओं के लिए तदनुसार हस्तक्षेप की योजना बनाने के लिए कहा।