M Nagaraju, secretary, Department of Financial Services, Ministry of Finance
देश के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (PSBs) बैंकिंग और बीमा क्षेत्र के लिए नए बेंचमार्क बना रहे हैं। यह बात वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवाएं विभाग के सचिव एम नागराजू ने कही।
मुंबई में आयोजित बिजनेस स्टैंडर्ड BFSI इनसाइट समिट 2025 में बिजनेस स्टैंडर्ड के एडिटोरियल डायरेक्टर ए. के. भट्टाचार्य से बातचीत में उन्होंने कहा कि भारत का वित्तीय क्षेत्र इस समय अपने सबसे मजबूत दौर से गुजर रहा है।
नागराजू ने बताया कि पिछले वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अब तक का सबसे ज्यादा मुनाफा कमाया और सर्वोच्च लाभांश भी दिया। इसमें सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि PSBs न सिर्फ प्रदर्शन में बेहतर कर रहे हैं, बल्कि BFSI सेक्टर के लिए उत्कृष्ट उदाहरण भी बन रहे हैं।
भारत की बैंकिंग व्यवस्था की मजबूती पर वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी नागराजू ने कहा है कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद देश की बैंकिंग प्रणाली बेहद मजबूत स्थिति में है। उन्होंने बताया कि पूरी दुनिया में आर्थिक उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है, लेकिन भारत में न तो पूंजी का बड़ा बहिर्प्रवाह है और न ही वित्तीय स्थिरता पर कोई बड़ा खतरा।
नागराजू के अनुसार, बीते वित्त वर्ष में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों ने रिकॉर्ड मुनाफा दर्ज किया। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का नेट एनपीए जहां करीब 0.52% रहा, वहीं ग्रॉस एनपीए लगभग 2.2% पर आ गया है। उन्होंने कहा कि इस समय सरकारी बैंक सबसे अधिक नवाचार कर रहे हैं और निजी बैंकों की बैलेंस शीट भी अब तक की सबसे मजबूत स्थिति में है। ये सभी संकेत बताते हैं कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत का वित्तीय क्षेत्र मजबूती से आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने आगे बताया कि भारत का प्रोविजन कवरेज रेशियो (PCR) 94% के ऊंचे स्तर पर है, और यह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की बेहतर कार्यक्षमता का प्रमाण है। नागराजू ने कहा कि वैश्विक वित्तीय उतार-चढ़ाव का भारत पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था स्थिर और निरंतर गतिशील बनी हुई है।
BFSI समिट के दौरान वरिष्ठ अधिकारी नागराजू ने बैंकिंग क्षेत्र के सामने खड़ी चार प्रमुख चुनौतियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आज बैंकों की मजबूती और स्थिरता हमें ढिलाई की ओर नहीं ले जानी चाहिए। ग्राहक की सही जाँच-परख और बैंकिंग के मूल काम पर ध्यान बनाए रखना बेहद जरूरी है।
उन्होंने दूसरी चुनौती के तौर पर कृषि, एमएसएमई और अन्य मुख्य क्षेत्रों में कर्ज उपलब्धता बढ़ाने की आवश्यकता बताई। उनके अनुसार, एमएसएमई सेक्टर में बढ़ोतरी अच्छी है लेकिन बैंकों को और तेजी दिखानी होगी।
नागराजू ने सार्वजनिक सेवा गुणवत्ता को भी अहम बताया। उन्होंने कहा कि बैंक शाखाओं में आने वाले हर नागरिक के साथ सम्मानजनक व्यवहार हो और शिकायतों का तुरंत समाधान मिले, यह सुनिश्चित करना चाहिए।
साइबर सुरक्षा को चौथी और गंभीर चुनौती बताते हुए उन्होंने कहा कि बैंक हमेशा साइबर अपराधियों से एक कदम आगे रहें। इसके लिए उन्हें ज्ञान, तकनीक और संसाधनों में निरंतर निवेश करना होगा, ताकि डिजिटल सुरक्षा मजबूत बनी रहे।
देश में बैंकों की कम संख्या पर चिंता जताते हुए विशेषज्ञ नागराजू ने कहा कि वित्तीय समावेशन को व्यापक रूप देने के लिए भारत में अधिक बैंकों की जरूरत है। उनके अनुसार, जब तक नए बैंक और शाखाएं नहीं खुलेंगी, तब तक हर व्यक्ति और व्यवसाय तक बैंकिंग सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित नहीं की जा सकती।
नागराजू ने कहा कि अलग-अलग वर्गों की जरूरतों को पूरा करने के लिए विशेष क्षेत्रों पर ध्यान देने वाले ‘निच’ बैंक भी आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि विविध आवश्यकताओं वाले लोगों और कंपनियों तक बैंकिंग और बीमा सेवाएं पहुंचे, तभी 100 प्रतिशत वित्तीय समावेशन संभव होगा।
उन्होंने यह भी बताया कि देश में बीमा क्षेत्र में अभी भी कई संरचनात्मक चुनौतियां मौजूद हैं। इसलिए बैंकिंग और बीमा सेवाओं में अधिक विविधता लाना समय की जरूरत है, ताकि अधिक से अधिक लोगों को इन सेवाओं से जोड़ा जा सके।
नागराजू ने यह बातें मुंबई में 29-31 अक्टूबर तक आयोजित हो रहे बिजनेस स्टैंडर्ड BFSI इनसाइट समिट 2025 के अवसर पर कही। यह तीन दिवसीय सम्मेलन भारत के वित्तीय भविष्य पर रणनीतिक चर्चाओं का मंच बनेगा। इसमें नीतिनिर्माताओं, नियामकों और उद्योग जगत के प्रमुख चेहरों के साथ 120 से ज्यादा वक्ता हिस्सा लेंगे।
सम्मेलन की शुरुआत एम नागराजू के सत्र से हुई। इसके बाद भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन सी एस शेट्टी के साथ फायरसाइड चैट होगी। इस आयोजन में RBI की डिप्टी गवर्नर पूनम गुप्ता भी शामिल होंगी, जो मई में पद संभालने के बाद पहली बार मीडिया से बातचीत करेंगी।
समिट में शामिल कुछ प्रमुख नाम:
स्वामीनाथन जनकिरमन, डिप्टी गवर्नर, RBI
तुहिन कांत पांडे, चेयरमैन, सेबी
अजय सेठ, चेयरमैन, IRDAI
वी अनंत नागेश्वरन, मुख्य आर्थिक सलाहकार
एम नगराजू, सचिव, वित्तीय सेवाएं
सी एस सेटी, चेयरमैन, SBI
शंकर शर्मा, संस्थापक, GQuants
अरुंधति भट्टाचार्य, चेयरपर्सन एवं CEO, Salesforce India
के वी कामत, चेयरमैन, जियो फाइनेंशियल सर्विसेज