facebookmetapixel
UPITS-2025: प्रधानमंत्री मोदी करेंगे यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2025 का उद्घाटन, रूस बना पार्टनर कंट्रीGST कट के बाद ₹9,000 तक जा सकता है भाव, मोतीलाल ओसवाल ने इन दो शेयरों पर दी BUY रेटिंग₹21,000 करोड़ टेंडर से इस Railway Stock पर ब्रोकरेज बुलिशStock Market Opening: Sensex 300 अंक की तेजी के साथ 81,000 पार, Nifty 24,850 पर स्थिर; Infosys 3% चढ़ानेपाल में Gen-Z आंदोलन हुआ खत्म, सरकार ने सोशल मीडिया पर से हटाया बैनLIC की इस एक पॉलिसी में पूरे परिवार की हेल्थ और फाइनेंशियल सुरक्षा, जानिए कैसेStocks To Watch Today: Infosys, Vedanta, IRB Infra समेत इन स्टॉक्स पर आज करें फोकससुप्रीम कोर्ट ने कहा: बिहार में मतदाता सूची SIR में आधार को 12वें दस्तावेज के रूप में करें शामिलउत्तर प्रदेश में पहली बार ट्रांसमिशन चार्ज प्रति मेगावॉट/माह तय, ओपन एक्सेस उपभोक्ता को 26 पैसे/यूनिट देंगेबिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ इंटरव्यू में बोले CM विष्णु देव साय: नई औद्योगिक नीति बदल रही छत्तीसगढ़ की तस्वीर

266 लोकसभा सीटों पर कैसे बढ़े मतदान प्रतिशत, चुनाव आयोग कर रहा मंथन

निर्वाचन आयोग ने कम मतदान को लेकर आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि कम मतदान वाले 266 संसदीय क्षेत्रों की पहचान की गई है जिनमें से 215 ग्रामीण और 51 शहरी क्षेत्र हैं।

Last Updated- April 05, 2024 | 11:37 PM IST
Chief Election Commissioner Rajiv Kumar

लोक सभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत कैसे बढ़ाया जाए, केंद्रीय निर्वाचन आयोग में इस बात को लेकर लगातार मंथन हो रहा है। निर्वाचन आयोग ने कहा कि उसने कम मतदान वाले कुल 266 संसदीय क्षेत्रों की पहचान की है और वह लोकसभा चुनावों में इन क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए योजना बना रहा है।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने शुक्रवार को बड़े शहरों और चुनिंदा राज्यों के अ​धिकारियों के साथ बैठक कर निर्देश दिया कि लोगों को ज्यादा से ज्यादा वोट डालने को प्रोत्साहित करने के लिए सभी कदम उठाए जाएं। बैठक में नगर निगमों के आयुक्त और बिहार, उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों के जिला निर्वाचन अ​धिकारी मौजूद थे।

निर्वाचन आयोग ने कम मतदान को लेकर आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि कम मतदान वाले 266 संसदीय क्षेत्रों की पहचान की गई है जिनमें से 215 ग्रामीण और 51 शहरी क्षेत्र हैं।

बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, तेलंगाना, गुजरात, पंजाब, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और झारखंड सहित 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 2019 के लोक सभा चुनावों में राष्ट्रीय औसत 67.40 प्रतिशत से कम मतदान हुआ था। प्रतिभागियों से मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने जोर देकर कहा कि ‘एक जैसा रुख सभी के लिए उपयुक्त है’ वाला दृष्टिकोण इस मामले में काम नहीं आएगा।

उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों और खंडों के लिए अलग-अलग रणनीतियों पर काम करने की वकालत की। सात चरणों में होने वाले लोक सभा चुनाव के लिए मतदान 19 अप्रैल से शुरू होगा। मतों की गिनती चार जून को होगी।

कुमार ने मतदान केंद्रों पर सुविधा प्रदान करने की तीन-आयामी रणनीति पर जोर दिया। जैसे कि कतार प्रबंधन, भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में छायादार पार्किंग, लक्ष्य के साथ लोगों तक पहुंच और संपर्क सुनिश्चित करना और मतदान के दिन लोगों को मतदान केंद्रों पर आने के लिए राजी करने के लिए आरडब्ल्यूए, स्थानीय आइकन और युवाओं को प्रभावित करने वाले लोगों सहित महत्वपूर्ण हितधारकों की भागीदारी आदि।

उन्होंने अधिकारियों से कहा कि भागीदारी बढ़ाने और व्यवहार परिवर्तन के लिए बूथवार कार्य योजना तैयार करें। उन्होंने प्रतिभागियों से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग रणनीति तैयार करने और विभिन्न लक्षित मतदाताओं के लिए तदनुसार हस्तक्षेप की योजना बनाने के लिए कहा।

First Published - April 5, 2024 | 11:26 PM IST

संबंधित पोस्ट