भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने घोषणापत्र में भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने और ‘प्रमुख’ क्षेत्रों जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा, मोबाइल व वाहन आदि में रोजगार बढ़ाने का वादा किया है। भाजपा भारत को 2030 तक वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण केंद्र बनाना चाहती है। इसकी योजना इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को तीन गुना बढ़ाना है ताकि वैश्विक मूल्य श्रृंखला में भारत एक प्रमुख देश बन सके। इससे भारत की डिजाइन क्षमताओं का उपयोग कर घरेलू ब्रांड विकसित किए जा सकेंगे।
घरेलू रक्षा विनिर्माण और भारत में निर्मित रक्षा उपकरणों के निर्यात का ‘बड़े पैमाने पर विस्तार’ करने की योजना है। इससे प्रमुख वायु और भूमि उपकरण प्लेटफॉर्मों का स्वदेशीकरण तेजी से करने में मदद मिलेगी।
भाजपा ने अपने घोषणापत्र में कहा, ‘हम रोजगार पैदा करने और आर्थिक गतिविधियों का विस्तार करने में विनिर्माण क्षमता का अधिक उपयोग करेंगे। हमारा विश्वास है कि विनिर्माण क्षेत्र के विस्तार से हमारे शोध व डिजाइन के कौशल का सर्वश्रेष्ठ उपयोग किया जा सकेगा। हम आत्मनिर्भरता की जरूरत और मजबूत वैश्विक मूल्य श्रृंखला की आवश्यकता को समझते हैं। लिहाजा हम भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए सभी प्रयास करेंगे।’
सरकार ने 2014 के बाद से कई योजनाएं जैसे मेक इन इंडिया, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना शुरू की हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य भारत को न केवल वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाना है बल्कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ाकर 25 फीसदी करना भी है। इसके तहत योजना भारत की स्थिति ‘फॉर्मेसी ऑफ द वर्ल्ड’ के रूप में मजबूत करने की है। इसके लिए दवा क्षेत्र में विशेष तौर पर एपीआई में विनिर्माण व शोध क्षमताओं को बढ़ावा देना है।
पार्टी ने कहा, ‘हम प्रोत्साहन से जुड़ी योजनाओं का विस्तार करेंगे। हम कंपनियों को नई दवा, रासायनिक इकाइयों और नई जैविक इकाइयों में शोध के लिए निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।’
देश में 100 अरब डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण उद्योग को सफलतापूर्वक स्थापित करने के बाद इस राजनीतिक दल की योजना इकोसिस्टम की जड़ों को और मजबूत करना है और सेमीकंडक्टर डिजाइन व विनिर्माण को नए स्तर पर लेकर जाना है। इससे भारत चिप विनिर्माण के क्षेत्र में एक प्रमुख देश बन पाएगा।