6th Phase Voting Percentage: लोक सभा चुनाव के लिए शनिवार को छठे चरण की 58 सीटों पर हुए मतदान में 62 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। चुनाव आयोग के ऐप पर रविवार दोपहर तक जारी आंकड़ों के मुताबिक यह पांच साल पहले की तुलना में दो फीसदी कम है। सबसे ज्यादा 8 फीसदी गिरावट हरियाणा में हुई जहां साल 2019 के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सभी दस सीटों पर चुनाव जीती थी। हरियाणा में इसी साल अक्टूबर में विधान सभा चुनाव होने हैं।
कश्मीर घाटी की तीसरी और आखिरी लोक सभा सीट अनंतनाग में करीब 55 फीसदी मतदान हुआ। पांच साल पहले अनंतनाग में महज 8.98 फीसदी मतदान हुआ था, जो देश भर में सबसे खराब था। शनिवार को हुए मतदान की तुलना साल 2019 के आंकड़ों से नहीं की जा सकती है क्योंकि परिसीमन के बाद निर्वाचन क्षेत्र की सीमाएं बदल गई हैं और अब इसमें जम्मू के राजौरी और पुंछ भी शामिल हो गए हैं।
निर्वाचन आयोग ने कहा कि अनंतनाग, पुंछ, कुलगाम जिलों में और आंशिक रूप से राजौरी एवं शोपियां जिलों में मतदान 1989 के बाद अथवा बीते 35 वर्षों में सर्वाधिक था। श्रीनगर (38.49 फीसदी) और बारामूला (59.1 फीसदी) की लोक सभा सीटों पर क्रमशः 13 मई और 20 मई को चुनाव हुए थे और ये कई दशकों में सर्वाधिक था।
झारखंड के जमशेदपुर और धनबाद में पांच साल पहले जितता ही मतदान हुआ। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर और पुरी में 2019 के मुकाबले ज्यादा मतदान हुआ जबकि संबलपुर में मतदान पिछली बार जितना ही था। इस बार दिल्ली में साल 2019 से 2 फीसदी कम मतदान हुआ। साल 2014 में 65.10 फीसदी मतदान हुआ था।